हाईकोर्ट के आदेश के बाद 68500 शिक्षक भर्ती के बीच में मानक में किया गया बदलाव वापस

प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय विद्यालयों के लिए होने वाली 68500 शिक्षक भर्ती के बीच में मानक में किया गया बदलाव वापस ले लिया है। सरकार की ओर से यह बदलाव हाईकोर्ट के आदेश के बाद किया गया है।
हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नियमों में बदलाव करने पर आपत्ति की थी। कोर्ट की आपत्त्ति के बाद सरकार ने सामान्य ओबीसी में 33 फीसदी और एससी-एसटी वर्ग 30 फीसदी पासिंग करने के अपने पूर्व के आदेश को वापस ले लिया है। शासन के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद अब शिक्षक भर्ती का परिणाम जल्द जारी होने की संभावना जगी है।
पुराने नियम पर भर्ती करने के आदेश के बाद अब सचिव परीक्षा नियामक को पूर्व में तैयार किए रिलल्ट में संशोधन करना होगा। सरकार की ओर से शिक्षामित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद मानक में बदलाव किया गया था। सरकार की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नियमों में बदलाव के खिलाफ अभ्यर्थियों ने कोर्ट में चुनौती दे दी। सचिव परीक्षा नियामक की ओर से शिक्षक भर्ती के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम अंतिम दौर में है। जल्द ही इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। सचिव परीक्षा नियामक की ओर से प्रदेश केसभी मंडल मुख्यालयों पर 27 मई को शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था।

 सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 68500 शिक्षक भर्ती का रिजल्ट घोषित करने में देरी को लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती के दावेदारों ने घेराव किया। दावेदारों का कहना था कि सरकार ने शिक्षक भर्ती का परिणाम जुलाई में घोषित करने का आश्वासन दिया था। परीक्षा के तीन महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी रिजल्ट नहीं घोषित होने से अभ्यर्थियों ने नाराजगी जाहिर की। अभ्यर्थियों का कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द परिणाम घोषित करके पांच सितंबर शिक्षक दिवस पर नियुक्ति पत्र जारी करें। ज्ञापन देने वालों में आशीष शुक्ल, अरूण कुमार मिश्र, जयसिंह यादव, कुलदीप दुबे शामिल रहे।