PROTEST : यूपी में लड़ने-मरने को तैयार शिक्षामित्रों से योगी सरकार की अपील, संयम और धैर्य बनाए रखें तथा किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने दें, राज्य सरकार ऐसे समाधान में विश्वास रखती है, जिससे कानून की मर्यादा अक्षुण्ण रहे तथा समस्या का तर्कसंगत एवं विधिसम्मत समाधान सम्भव हो सके
इलाहाबाद/इटावा। सुप्रीम कोर्ट से खुद को उपेक्षित मान चुके शिक्षामित्रों ने बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया और गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है जिससे समूचा उत्तर प्रदेश प्रभावित हुआ है। इसका असर भी हुआ। योगी सरकार बुधवार की देर शाम बैकफुट डिफेंस करती नजर आई। सरकार अब बीच का कोई रास्ता निकालना चाहती है जिसके लिये शिक्षा विभाग और शिक्षामित्रों के संग अब मैराथन बैठक होगी जिसमें समस्या का हल खोजा जायेगा।
योगी सरकार ने कहा, संयम बनाए रखें
इस संदर्भ में योगी सरकार की ओर से जारी हुआ पत्र देर शाम सूचना विभाग के जरिये शिक्षामित्र संगठनों को भी भेजा गया जिसमें योगी सरकार ने अपील करते हुये कहा कि सभी शिक्षामित्रों से सरकार को पूर्ण सहानुभूति है।
वह संयम और धैर्य बनाए रखें तथा किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने दें। राज्य सरकार ऐसे समाधान में विश्वास रखती है, जिससे कानून की मर्यादा अक्षुण्ण रहे तथा समस्या का तर्कसंगत एवं विधिसम्मत समाधान सम्भव हो सके। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से शिक्षामित्रों के राज्यस्तरीय प्रतिनिधिमण्डलों के साथ अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को चर्चा करने के लिये अधिकृत किया है।
पूरे यूपी में विरोध प्रदर्शन, चक्का जाम
याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को अपने आदेश में परोक्ष रूप से शिक्षामित्रों के टीचर पद पर समायोजन को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने टीचर के लिये अनिवार्य टीईटी परीक्षा को शिक्षामित्रों के लिये भी अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश से शिक्षामित्र भड़क गये। उन्होंने इस आदेश को अपने खिलाफ माना और सड़क पर उतर आया। बुधवार को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन, चक्काजाम, तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं तो हुई। कुछ आहत शिक्षामित्रों की मौत की भी खबरें आई। इन घटनाओं से प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिये सरकार ने अपनी ओर से बातचीत की पहल शुरू की है।
इटावा में शिक्षामित्रों की आर-पार की लड़ाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में इटावा की सडकों पर भी शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया। इटावा की सड़कों पर उतरकर शिक्षामित्रों ने डीएम आवास के सामने धरना दिया। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बाद में सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्रों का कहना है कि न्यायालय ने जो आदेश किया है , उसके बाद हम लोगों के सामने मरने के अलावा और कोई रास्ता नही बचा है। शिक्षामित्रों का कहना है कि अब लड़ाई आर-पार की लड़ी जायेगी जब तक हम लोगों को न्याय नही मिलेगा तब तक हम न तो स्कूल में पढ़ायेगें, न ही किसी को पढ़ाने देगें । शिक्षामित्रों ने देश के पीएम मोदी और सूबे के सीएम योगी से मांग की है कि शिक्षा मित्रों को सरकारी शिक्षक बनाने के प्रयास करें।
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इलाहाबाद/इटावा। सुप्रीम कोर्ट से खुद को उपेक्षित मान चुके शिक्षामित्रों ने बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया और गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है जिससे समूचा उत्तर प्रदेश प्रभावित हुआ है। इसका असर भी हुआ। योगी सरकार बुधवार की देर शाम बैकफुट डिफेंस करती नजर आई। सरकार अब बीच का कोई रास्ता निकालना चाहती है जिसके लिये शिक्षा विभाग और शिक्षामित्रों के संग अब मैराथन बैठक होगी जिसमें समस्या का हल खोजा जायेगा।
योगी सरकार ने कहा, संयम बनाए रखें
इस संदर्भ में योगी सरकार की ओर से जारी हुआ पत्र देर शाम सूचना विभाग के जरिये शिक्षामित्र संगठनों को भी भेजा गया जिसमें योगी सरकार ने अपील करते हुये कहा कि सभी शिक्षामित्रों से सरकार को पूर्ण सहानुभूति है।
वह संयम और धैर्य बनाए रखें तथा किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने दें। राज्य सरकार ऐसे समाधान में विश्वास रखती है, जिससे कानून की मर्यादा अक्षुण्ण रहे तथा समस्या का तर्कसंगत एवं विधिसम्मत समाधान सम्भव हो सके। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से शिक्षामित्रों के राज्यस्तरीय प्रतिनिधिमण्डलों के साथ अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को चर्चा करने के लिये अधिकृत किया है।
पूरे यूपी में विरोध प्रदर्शन, चक्का जाम
याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को अपने आदेश में परोक्ष रूप से शिक्षामित्रों के टीचर पद पर समायोजन को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने टीचर के लिये अनिवार्य टीईटी परीक्षा को शिक्षामित्रों के लिये भी अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश से शिक्षामित्र भड़क गये। उन्होंने इस आदेश को अपने खिलाफ माना और सड़क पर उतर आया। बुधवार को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन, चक्काजाम, तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं तो हुई। कुछ आहत शिक्षामित्रों की मौत की भी खबरें आई। इन घटनाओं से प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिये सरकार ने अपनी ओर से बातचीत की पहल शुरू की है।
इटावा में शिक्षामित्रों की आर-पार की लड़ाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में इटावा की सडकों पर भी शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया। इटावा की सड़कों पर उतरकर शिक्षामित्रों ने डीएम आवास के सामने धरना दिया। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बाद में सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्रों का कहना है कि न्यायालय ने जो आदेश किया है , उसके बाद हम लोगों के सामने मरने के अलावा और कोई रास्ता नही बचा है। शिक्षामित्रों का कहना है कि अब लड़ाई आर-पार की लड़ी जायेगी जब तक हम लोगों को न्याय नही मिलेगा तब तक हम न तो स्कूल में पढ़ायेगें, न ही किसी को पढ़ाने देगें । शिक्षामित्रों ने देश के पीएम मोदी और सूबे के सीएम योगी से मांग की है कि शिक्षा मित्रों को सरकारी शिक्षक बनाने के प्रयास करें।
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