कौशांबी में शिक्षामित्रों का बीएसए दफ्तर पर धरना, समायोजन रद किए जाने से शिक्षामित्रों में आक्रोश है और निराशा भी

कौशांबी : सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद किए जाने से शिक्षामित्रों में आक्रोश है और निराशा भी। बुधवार को कोई भी शिक्षामित्र स्कूल नहीं गया। सभी सुबह से शाम तक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डटे रहे।
उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। शिक्षामित्रों के स्कूल नहीं आने से पठनपाठन प्रभावित हुआ। 1शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने युवाओं के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। इसलिए उनमें नाराजगी दिखी। शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय में बैठक की। इसमें अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करे। अगर ऐसा न हुआ तो प्रदेश भर का शिक्षामित्र सड़क पर उतरेगा।
उन्होंने कहा कि अभी शांतिपूर्वक आंदोलन चलेगा लेकिन मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन उग्र होगा। जिला उपाध्यक्ष शिव शंकर यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस मामले में पहल करनी होगी। इस एक आदेश से प्रदेश भर के पौने दो लाख युवा बेरोजगार हो गए हैं। अब समस्या और गंभीर हो जाएगी। बाद में शिक्षामित्रों मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। 1इस मौके पर रणविजय सिंह, अजय तिवारी, नरेश कुमार, अर¨वद कुमार, राम कुमार, प्रदीप कुमार, पुष्पा देवी, राज कपूर, वीरेंद्र सिंह, रीता शर्मा, प्रहलाद कुमार, सरिता देवी, लाल चंद्र, मीना देवी, शीला यादव, शबनम बेगम, राजेंद्र सिंह, सविता सिंह, इंद्रसेन, गणोश प्रसाद, सियाराम, गुरु प्रसाद आदि थे।1कई घरों में नहीं जले चूल्हे1कौशांबी : सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने शिक्षामित्रों को जोर का झटका दिया है। मंगलवार को आए फैसले के बाद से कई शिक्षामित्रों के घरों में चूल्हा ठंडा रहा।1 जिन शिक्षामित्रों का दो साल पहले बतौर सहायक शिक्षक समायोजन हुआ था, वह अच्छा वेतन पाने लगे थे। कुछ ने लोन इत्यादि लेकर जमीन ले ली। कुछ बच्चों को महंगे स्कूल में भेजने लगे थे। बीएसए आफिस पर हुई बैठक के दौरान कुछ शिक्षामित्रों ने कहा कि अब वह आत्महत्या कर लेंगे। उन्हें उनके साथियों ने समझाया।

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