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फैजाबाद के कॉलेज की लगा दी फर्जी मार्कशीट

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: फर्जी दस्तावेज के बूते शिक्षक बनने की कोशिश में एक शातिर पकड़ा गया। इसने फैजाबाद के एक कॉलेज की फर्जी मार्कशीट जमा की थी। विभाग ने इसका आवेदन निरस्त कर अपनी चुप्पी साध ली। इस अभ्यर्थी ने पिछली भर्ती प्रक्रिया में आगरा के आंबेडकर विवि के फर्जी सर्टिफिकेट के बूते नौकरी पाने की कोशिश की थी।

प्रदेश में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत बुधवार को शहर में नियुक्ति पत्र वितरण किए जाने थे। इसी दौरान फर्जीबाडा का एक मामला पकड़ा गया। शिवम यादव नाम का यह युवक जिले का ही रहने वाला है। कुछ वर्ष पहले जब शिक्षक भर्ती हुई थी तो शिवम ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से स्नातक के फर्जी कागजात तैयार कराकर नियुक्ति में लगाए थे। मार्कशीट का कलर और कागज की गुणवत्ता अच्छी न होने के चलते विभागीय कर्मचारियों को संशय हुआ। अंदर ही अंदर विभाग ने कॉलेज से जानकारी जुटाई तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति तो उनके यहां नहीं पढ़ा है। जिसके बाद तत्कालीन प्रभारी बीएसए भारती शाक्य ने शिवम का आवेदन निरस्त कर दिया था। विभाग ने शिवम के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी थी।

इससे शिवम का हौसला बुलंद था। वर्तमान में चल रही शिक्षक भर्ती में जब शिवम यादव ने फिर आवेदन कर दिया। उसका नाम आया है तो एक विभागीय कर्मचारी का माथा ठनक गया। क्योंकि इसी कर्मचारी ने पिछली शिक्षक भर्ती में शिवम के अभिलेख फर्जी पकड़े थे। उन्होंने नाम पढ़ने के बाद अभिलेखों की जांच की तो पता चला कि इस बार फैजाबाद के किसी कॉलेज के स्नातक के अभिलेख लगाए थे। फिर एक बार वही प्रक्रिया अपनाई गई। कॉलेज से संपर्क किया गया तो यहां भी अभिलेख फर्जी मिले। जिसके बाद शिवम का आवेदन निरस्त कर दिया गया। लेकिन न तो पहले कोई कार्रवाई हुई और न ही इस बार। इसकी चर्चाएं भी विभाग में जोरों पर हैं कि आखिरकार हर बार बिना कार्रवाई के फर्जीवाड़ा करने वाले को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।
बॉक्स अभिलेख सत्यापन होगा

जिले में चल रही शिक्षक भर्ती में 147 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं। जबकि एक फर्जी आवेदक को हटाने के बाद 48 पद अब खाली रह गए हैं। लेकिन विभाग को अब ये ¨चता सता रही है कि कहीं अन्य अभ्यर्थियों के अभिलेख तो फर्जी नहीं है। हालांकि ये तो अब अभिलेख सत्यापन के बाद ही पता चला सकेगा।

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