यूपी में विरोध के सुरों को 'सौगातों की बरसात' से निपटा रही है योगी सरकार

चाहे उत्तर प्रदेश पुलिस हो, शिक्षक हों या कर्मचारी, पिछले डेढ़ साल की योगी सरकार में असंतोष के स्वर हर जगह से उठते सुनाई दिए. इन सभी के विरोध प्रदर्शनों का गवाह राजधानी लखनऊ रही. उधर योगी सरकार धीरे-धीरे सभी विरोधों को सौगातों के जरिए निपटाती दिखाई दे रही है.
कहीं प्रमोशन तो कहीं सातवें वेतन आयोग तो कहीं सीधी भर्ती ने इन असंतोष के सुरों को अगर खत्म नहीं तो कम से कम धीमा जरूर कर दिया है.

68500 सहायक शिक्षक भर्ती का ऐलान
सबसे बड़ी चुनौती शिक्षामित्रों से योगी सरकार को मिली. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के एक लाख 37 हजार के करीब शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया. इसके बाद योगी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. शिक्षामित्र सड़क पर उतर आए. मामले में सरकार लगातार विरोध प्रदर्शन झेल रही है. इस बीच सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग की पुरानी 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की. इसमें 41556 पदों पर भर्ती पूरी कर ली गई है. इनमें करीब 7224 शिक्षामित्र सहायक शिक्षक बन चुके हैं. उन्हें इस भर्ती में कोर्ट के आदेश के अनुसार भारांक भी दिया गया. अब योगी सरकार ने 68500 सहायक शिक्षकों की नई भर्ती का भी ऐलान कर दिया है. शिक्षामित्रों का विरोध अभी भी जारी है, लेकिन नई भर्तियों के ऐलान से योगी सरकार ने अपना पक्ष भी मजबूत कर लिया है.

यूनिवर्सिटी और कॉलेज शिक्षकों को सातवें वेतनमान

योगी सरकार ने उच्च शिक्षा में यूनिवर्सिटी और कॉलेज शिक्षकों को सातवें वेतनमान की सौगात भी दी है. लुआक्टा अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय बताते हैं कि 331 एडेड कॉलेजों में 7745 और 156 सरकारी कॉलेजों में 5546 और 18 यूनिवर्सिटी में 1200 शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया गया. इसमें 1 जनवरी 2016 से एरियर दिया गया. इससे सरकार पर 921 करोड़ का व्यय भार आया.

यूपी पुलिस के सिपाहियों का विरोध और रिकॉर्ड प्रमोशन
पिछले दिनों लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस में विरोध के स्वर बुलंद हुए. मामले में कहीं काली पट्टी बांधकर तो कही सोशल मीडिया पर विरोध का वीडियो वायरल कर सिपाहियों ने अपना विरोध दर्ज कराया. इनकी मांग अंग्रेजी शासनकाल से बने पुलिस एक्ट में बदलाव की थी. मामले के कुछ ही दिन बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए हजारों सिपाहियों के एक साथ प्रमोशन का ऐलान कर दिया.
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पुलिस सुधार के लिए होगा आयाेग का गठन
यही नहीं रविवार को पुलिस स्मृति दिवस के बाद सीएम योगी ने ऐलान किया कि प्रदेश मे जल्द ही पुलिस सुधार के लिए आयोग का गठन किया जाएगा. इसके अलावा पुलिस बल को मजबूत करने के​ लिए हाल ही में योगी सरकार ने 51216 पुलिसकर्मियों की भर्ती का ऐलान किया. इससे पहले भी पूर्व में घोषित 41520 की भर्ती चल रही है. सरकार का दावा है कि अगले साल तक यूपी पुलिस अपनी पूरी क्षमता हासिल कर लेगी.

प्रदेश पुलिस में प्रमोशन के बाद विरोध के सुर थमे, अब सिपाहियों में खुशी है कि सीएम योगी ने ऐलान कर दिया कि उनके साइकिल भत्ते को मोटरसाइकिल भत्ते में बदला जाएगा, यही नहीं वर्दी भत्ते में भी इजाफा किया जाएगा.

पेंशन के टेंशन के बीच डीए और बोनस का ऐलान
बात अगर पेंशन की करें तो यहां भी योगी सरकार को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. राज्य कर्मचारियों के साथ शिक्षकों की मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए. उन्होंने मामले में 25 अक्टूबर से हड़ताल का ऐलान कर दिया है. सरकार एक तरफ कर्मचारियों को मनाने के लिए लगातार बैठकें कर रही है. वहीं दूसरी तरफ पिछले दिनों कर्मचारियों और शिक्षकों को लुभाने के लिए अहम तैयारी में लगी है. पता चला है कि योगी सरकार ने दिवाली के पहले प्रदेश के राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को जुलाई से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते का भुगतान कर सकती है. इसी के साथ वार्षिक बोनस का भी भुगतान किए जाने की संभावना है.

प्रदेश के वित्त विभाग ने सितंबर महीने के वेतन के साथ ही डीए के नकद भुगतान की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन इसे मुख्यमंत्री की सहमति नहीं मिल सकी थी. सरकार के फैसले के बाद डीए सात की जगह 9 फीसदी मिलने लगेगा. डीए व बोनस पर सरकार का करीब 700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा.

परिवहन विभाग के कर्मचारियो को मिली करोड़ों की सौगात
वहीं परिवहन विभाग में भी योगी सरकार ने कई सौगातें दीं. इनमें डेढ़ साल से लंबित रोडवेज कर्मियों की सातवें वेतन आयोग को कैबिनेट ने मंजूरी दी. सरकार के इस कदम से 23 हजार नियमित और रिटायर्ड 8500 कर्मियों को सीधा लाभ मिला. यही नहीं सरकार ने परिवहन निगम में मृतक आश्रितों की भर्ती पर रोक भी हटाते हुए 587 पदों पर भर्ती का फैसला किया.

इसी क्रम में योगी सरकार ने सूबे के सभी पात्र छात्रों को वजीफा देने का फैसला लिया है. वजीफे के बाद जो भी बजट बचेगा उससे शुल्क की भरपाई की जाएगी. शुल्क की भरपाई मेरिट के आधार पर होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इसकी घोषणा की. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक वजीफे के लिए रिकॉर्ड 1.10 करोड़ छात्रों ने आवेदन किये हैं. पहले यह संख्या 60-70 लाख तक ही सीमित रही है.