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शिक्षकों ने हड़ताल में स्कूल बंद कराया तो सीएम को फोटो भेजेंगे शिक्षामित्र, शिक्षकों से पुरानी रार के चलते लिया फैसला

प्रयागराज : पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रस्तावित तीन दिनी हड़ताल में शिक्षामित्र शामिल नहीं होंगे। असल में शिक्षामित्र मानदेय पाते हैं इसलिए उन्हें पेंशन आंदोलन में शामिल होकर कोई लाभ नहीं होना है।
साथ ही शिक्षक या फिर कर्मचारी संगठनों ने उनसे सहयोग भी नहीं मांगा है, ऐसे में शिक्षामित्रों ने एलान किया है कि वे स्कूल खोलकर बच्चों को पढ़ाएंगे और जो इसका विरोध करेगा उसकी फोटो खींचकर मुख्यमंत्री सहित विभागीय अफसरों को ट्विटर पर भेजेंगे। यदि स्कूल बंद मिलता है तो भी बंद स्कूल की सेल्फी भेजेंगे।

आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने अफसरों को इस कदम से अवगत कराया है और स्कूल खोलने के दौरान सुरक्षा करने की मांग की है। शाही ने साथियों से कहा है कि शिक्षक व कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल में शामिल होने के लिए शिक्षामित्रों से समर्थन नहीं मांगा है और न ही इसमें शामिल होना है। शिक्षामित्र स्कूल पहुंचकर शिक्षण कार्य करें। यदि कोई शिक्षक स्कूल बंद कराना चाहता है तो उससे जबरदस्ती न करे बल्कि अनुशासन में रहकर बंद स्कूल का फोटो मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के ट्विटर व फेसबुक पर भेजे।

शाही ने यह भी कहा है कि हड़ताल के संबंध में संगठन के प्रांतीय संरक्षक अभिमन्यु प्रसाद तिवारी व राष्ट्रीय संरक्षक रामपाल सिंह का कोई निर्देश नहीं है। शाही ने कहा है कि शिक्षामित्रों को स्कूल खोलने का अधिकार नहीं है इससे विभाग के बड़े अधिकारियों को अवगत करा दिया है कि शिक्षामित्र पढ़ाएंगे यदि उन्हें रोकता है तो उसे बेनकाब करेंगे। साथ ही यदि कोई शिक्षामित्र हड़ताल के दिनों में शिक्षण कार्य नहीं करता है तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार होगा।
शिक्षकों से पुरानी रार
शीर्ष कोर्ट के आदेश पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने पर व्यापक आंदोलन हुआ था। उसमें शिक्षकों ने शिक्षामित्रों के लिए स्कूल बंद नहीं किया था, इससे शिक्षामित्र उनसे खफा भी हैं, इसीलिए पुरानी पेंशन मामले में आंदोलन को विफल करने शिक्षामित्र सरकार के साथ खड़े हो गए हैं।

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