यूपी: मृतक के TET व BTC पास आश्रितों को शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से मिलेगी छूट

जूनियर और प्राइमरी के स्कूलों का रंग अब बदला जा सकेगा लेकिन इसमें प्राइमरी में नीली पट्टी और जूनियर स्कूलों में लाल रंग की पट्टी करवाना अनिवार्य होगा। वहीं मृतक आश्रित को शिक्षक पद पर नियुक्त करने के लिए भर्ती की लिखित परीक्षा में छूट दी जाएगी।

विभागीय निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई  बेसिक शिक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान ये फैसले किए गए हैं। निर्णय के मुताबिक स्कूल में होने वाला रंग अब अध्यापक और बच्चे मिल कर तय कर सकेंगे। इन्हें किसी भी आकर्षक रंग में रंगा जा सकेगा लेकिन इन पर बनने वाली नीली व लाल पट्टी जरूरी होगी। अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का रंग सफेद होता था।
वहीं एक ही परिसर में चल रहे प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी एक होंगे। यदि छात्र संख्या कम है तो दोनों स्कूलों का प्रधानाध्यापक एक होगा। हालांकि दोनों स्कूलों के सृजित पद कम नहीं होंगे। बैठक में मृतक आश्रित के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और तय किया गया कि यदि मृतक आश्रित बीटीसी कर चुका है और टीईटी पास है तो उसे शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट होगी।

सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षक बनने की न्यूनतम आर्हता में लिखित परीक्षा शामिल नहीं है, ये केवल भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा है। बैठक में दूसरे प्रदेशों से बीटीसी या डीएलएड करके आए लोगों पर भी विचार किया गया। हाल ही में नियुक्त हुए 41555 लोगों में लगभग 50 लोग ऐसे हैं जो दूसरे प्रदेशों से बीटीसी है। उन प्रदेशों में बीटीसी की ट्रेनिंग इंटरमीडिएट के बाद होती है। लिहाजा उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिये गये हैं। सेवा नियमावली में स्नातक के साथ बीटीसी की अनिवार्य आर्हता शामिल है। इस मुद्दे पर विभाग विधिक राय लेगा क्योंकि ये अभ्यर्थी बाद में स्नातक आदि की डिग्री ले चुके हैं।