जल्दी छुट्टी करना दो स्कूलों को पड़ा महंगा

 बेसिक स्कूल शिक्षकों की मनमर्जी से चलाए जा रहे है. न समय पर खुल रहे हैं और न बंद हो रहे हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बीएसए ने स्कूलों का औचक निरीक्षण कर लिया.
जिसके बाद बीएसए ने समय से पहले स्कूल बंद करने पर एक हेडमास्टर का सालाना वेतन वृद्धि रोक दी है साथ ही निर्धारित समय से पूर्व स्कूल छोड़ने पर स्टाफ की गैर हाजिरी दर्ज करके एक दिन का वेतन काटा गया है.

तीन बजे से पहले ही कर दी छुट्टी
दरअसल मंडे को दोपहर 2:41 बजे बीएसए ने भैरपुरा के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंची. दोनों ही स्कूल एक ही परिसर में चलते है, लेकिन इन दोनों स्कूलों की तीन बजे से पहले छुट्टी कर दी गई. जिसके चलते अधिकांश बच्चे तथा स्टाफ घर जा चुका था. मौके पर कुछ बच्चे तथा इक्का-दुक्का स्टाफ तालाबंद करने की तैयारी में लगा था. जिस पर बीएसए ने जमकर फटकार लगाई और कार्रवाई के आदेश दिए.

इन पर कार्रवाई

प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर शकील अंजुम व शिक्षक अरविंद विश्वकर्मा जाने की तैयारी में थे. जबकि सहायक अध्यापिका प्रीति गंगवार, प्रीति कुमारी, शिक्षामित्र ईश्वर वती व मंजू प्रभाकर पहले ही निकल चुके थे. वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका ममता रानी, रीना, अनुराग शर्मा, अनुदेशक श्वेता शर्मा व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रेशम सक्सेना समय से पहले ही विद्यालय छोड़ चुके थे. प्रधानाध्यापिका ममता रानी शर्मा भी ताला बंद करने वाली थी.