इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 12 मार्च
को प्रस्तावित लिखित परीक्षा और यूपी बोर्ड की परीक्षा पर फूलपुर लोकसभा
उपचुनाव का साया मंडरा रहा है। जिला प्रशासन ने राजकीय और सहायता प्राप्त
माध्यमिक विद्यालयों के 1119 शिक्षकों की ड्यूटी उपचुनाव में लगा दी है।
ऐसे में दोनों परीक्षाओं को कराना शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित
होगी।उपचुनाव के लिए 11 मार्च को मतदान होना है। इसके लिए शिक्षकों को 10
मार्च को ही पोलिंग पार्टी के रूप में रवाना किया जाएगा। जबकि 10 मार्च को
ही इंटर उर्दू द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा है। उर्दू की परीक्षा अधिकांश
केंद्रों में होनी है जिसमें चुनाव ड्यूटी में लगाए गए शिक्षक ही केंद्र
व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक का काम करेंगे।यही नहीं 11 मार्च को मतदान के
बाद देर रात तक ये शिक्षक ईवीएम जमा करेंगे और 12 मार्च को शिक्षक भर्ती की
लिखित परीक्षा है। 12 मार्च को ही दूसरी पाली में यूपी बोर्ड की इंटर
औद्योगिक संगठन की परीक्षा है। उपचुनाव में प्रशासनिक मशीनरी व्यस्त होने
के कारण 12 मार्च को सुबह 10 से एक बजे तक शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए
एसडीएम या एडीएम आदि का मिलना मुश्किल होगा।
शिक्षकों को उपचुनाव की ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग : शिक्षक विधायक
सुरेश कुमार त्रिपाठी ने डीएम को पत्र लिखकर शिक्षकों को उपचुनाव की ड्यूटी
से मुक्त रखने की मांग की है। शिक्षकों की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी या
प्रथम एवं द्वितीय मतदान अधिकारी के रूप में लगाई गई है। यही शिक्षक केंद्र
व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक के रूप में बोर्ड परीक्षा करवा रहे जो 12
मार्च तक चलेगी। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय की
अध्यक्षता में शिक्षक भवन साउथ मलाका में हुई बैठक में महेश दत्त शर्मा,
रमेश शुक्ला, अनुज कुमार पांडेय, जगदीश प्रसाद, रविन्द्र त्रिपाठी, अशोक
कुमार आदि ने परीक्षा के दौरान शिक्षकों की उपचुनाव में ड्यूटी नहीं लगाने
की मांग की।
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