इलाहाबाद : उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में पहले से चल रही भर्तियों
को रफ्तार पकड़ाने पर सहमति बनी है। वहीं, जिन भर्तियों के महज आवेदन लिए
गए हैं उनके लिए नई नियमावली बनाने की तैयारी है।
आयोग असिस्टेंट प्रोफेसर
पदों के लिए पहले लिखित परीक्षा करा चुका है लेकिन, अब प्राचार्य पद पर चयन
भी परीक्षा के जरिये कराने के संकेत दिए गए हैं। आयोग का पुनर्गठन होने के
बाद गुरुवार को पहली बैठक हुई जिसमें पुरानी से लेकर नई भर्तियों पर
विस्तार से मंथन किया गया।
प्रदेश
के अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य व असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती
उच्चतर आयोग के माध्यम से ही होती है। बैठक में आयोग की चार पुरानी
भर्तियों पर चर्चा की गई। विज्ञापन संख्या 46 में असिस्टेंट प्रोफेसर
वाणिज्य विषय की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करने, इसी भर्ती के अवशेष
विषयों का साक्षात्कार कराने का निर्णय लिया गया है। यह भी जोड़ा गया कि इस
मामले में विधिक परामर्श भी लिया जाएगा और अंतिम निर्णय आयोग की अगली बैठक
में होगा। ज्ञात हो कि 1652 पदों के सापेक्ष करीब 1000 पदों पर पहले ही
चयन हो चुका है। शिक्षा निदेशालय ने चयनित अभ्यर्थियों को कालेजों में
नियुक्ति भी दे दी है। बैठक में विज्ञापन संख्या 47 के तहत विज्ञापित 35
विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों की लिखित परीक्षा को नई
नियमावली बनाने पर विचार हुआ, क्योंकि पहले इस भर्ती की लिखित परीक्षा के
दौरान प्रश्नपत्रों को रखने सहित अन्य मुद्दों को लेकर विवाद हुए थे। अब
आयोग की नई टीम चयन शुरू होने से पूर्व निष्पक्ष व्यवस्था बनाने की दिशा
में बढ़ रही है। आयोग विज्ञापन संख्या 48 में स्नातक व परास्नातक डिग्री
कॉलेजों में 284 प्राचार्य के पद के लिए ऑनलाइन आवेदन ले चुका है। अब तक
आयोग प्राचार्य का चयन इंटरव्यू के माध्यम से कराता रहा है।
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