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सीबीआइ जांच पुरानी भर्तियों की खामियाजा भुगतेंगे नए अभ्यर्थी

इलाहाबाद : सीबीआइ वैसे तो उप्र लोकसेवा आयोग से एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच हुई भर्ती परिणामों की जांच कर रही है लेकिन, इसका दुष्परिणाम आगामी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को भी भुगतना होगा। आठ अप्रैल को होने जा रही आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 पर इसका पहला प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस बात के आसार हैं कि लिखित परीक्षा का परिणाम आने में काफी विलंब हो सकता है।
1आयोग इलाहाबाद सहित प्रदेश के 21 जिलों में आठ अप्रैल को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की लिखित परीक्षा कराएगा। इसके लिए दो अप्रैल को नोडल अधिकारियों की बैठक में तैयारी पर चर्चा होनी है। भर्तियों की सीबीआइ जांच के चलते 2018 की पहली तीन परीक्षाओं की तारीखों में बदलाव पूर्व में हो चुका है ऐसे में आयोग का दावा है कि आरओ-एआरओ 2017 की परीक्षा तय तारीख पर करा ली जाएगी। इसमें कोई बाधा नहीं है। हालांकि इस परीक्षा के परिणाम पर आयोग को भी संशय है, क्योंकि परीक्षा विभाग के सभी कंप्यूटरों से सीबीआइ पूर्व में हुई भर्तियों का डाटा ले रही है और उन्हीं कंप्यूटरों से आगामी परीक्षाओं के परिणाम भी तैयार होने हैं। वहीं सीबीआइ की प्रारंभिक जांच अभी चार प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की ही हो रही है और आयोग से हुई करीब साढ़े पांच सौ भर्तियों की जांच प्रक्रिया लंबी चलनी है। ऐसे में आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 ही नहीं, आयोग से होने वाली आगे की परीक्षाओं के परिणाम भी लटक सकते हैं। आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि लिखित परीक्षा में कोई व्यवधान नहीं है। परीक्षा विभाग के कंप्यूटर सीबीआइ टीम से खाली रहे तो परिणाम भी समय से निकालने की कोशिश होगी। लेकिन, वर्तमान जांच की स्थिति पर आयोग के सचिव भी पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं कि परिणाम समय से आ पाएगा।

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