के साथ विपक्षी दलों के नेता सार्वजनिक मंच से केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे तो अघोषित आपातकाल को लेकर वाराणसी से बलिया तक पदयात्रा निकलेगी।
शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा की केंद्र सरकार खासकर पीएम मोदी से नाराजगी छिपी नहीं है। समय-समय पर दोनों नेता सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने में जुटी पार्टियां बीजेपी के बागियों को साथ लाने और उनके जरिए सरकार पर हमला बोलने की मुहिम में जुटी हैं। चूंकि बनारस पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है, इसलिए यहीं से इसे धार देने की कोशिश सियासी अखाड़े में गर्मी बढ़ाएगी।
पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में चुनौती देने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने आपातकाल के दिन को केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल के लिए चुना है। पार्टी की ओर से इस दिन ऐतिहासिक बेनियाबाग के मैदान में जन अधिकार रैली आयोजित की गई है। इसमें विपक्षी दलों के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा की मौजूदगी बदलते सियासी समकीरण को बताने के लिए काफी है। इन नेताओं की फोटो के साथ रैली के पोस्टर गुरुवार को बनारस की सड़कों पर देखे गए।
अघोषित आपातकाल
आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल प्रभारी संजीव सिंह का कहना है कि केंद्र में मोदी सरकार जब से आई है तब से अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है। संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जन-अधिकार रैली व पदयात्रा के जरिए आपातकाल के दौर जैसे विरोध के लिए आमजन को जोड़ने की तैयारी है। रैली में बीजेपी के बागियों समेत विपक्षी दलों के नेता व समाजवादी चिंतक शमिल होंगे। किसानों की बदहाली से लेकर बेरोजगारी, महंगाई, जमीन अधिग्रहण, गंगा निर्मलीकरण, शिक्षामित्रों से जुडे मुद्दे प्रमुख होंगे।
13 दिन तक पदयात्रा
बेनिया में होने वाली रैली के दूसरे ही दिन यानी 26 जून को वाराणसी के भारत माता मंदिर से जन अधिकार यात्रा निकलेगी। इसकी अगुवाई आप के यूपी प्रभारी एवं सांसद संजय सिंह करेंगे। पदयात्रा वाराणसी से चंदवक (जौनपुर), आजमगढ़, घोसी, बलिया होते हुए 8 जुलाई को आपातकाल के खिलाफ क्रांति के नायक स्व. जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव सिताब दियारा पहुंच कर समाप्त होगी। पदयात्री प्रतिदिन 20 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।