Breaking Posts

Top Post Ad

फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में अभी हो सकते हैं कई और खुलासे

लखनऊ. मथुरा में फर्जी तरीके से शिक्षकों की भर्ती के मामले कई और लोग पकड़े जा सकते हैं। डीजीपी ओपी सिंह की मानें तो मथुरा में फर्ज़ी शिक्षकों की नियुक्ति मामले की जांच प्रदेश के दूसरे जिलों तक भी जा सकती है।
इसमें बीएसए कार्यालय में तैनात मास्टर माइंड क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटरों सहित कुल 16 लिपिकों-शिक्षकों-दलालों को गिरफ्तार किया है। दरअसल स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मथुरा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के एक बड़े घोटाले का खुलासा ने किया है. एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग में घोटाले के आरोप 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने इनके पास से 9 नियुक्ति पत्र, 4 लाख रुपये नकद और एक कंप्यूटर बरामद किया। गिरफ्तार लोगों में मुख्य अभियुक्त बीएसए ऑफिस का बड़ा बाबू, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, नौ फर्जी शिक्षकों समेत चार दलाल शामिल हैं. हालांकि, घोटाले में शामिल पूर्व बीएसए संजीव सिंह फरार है। वहीं एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि मथुरा में अधिकारियों की मिलीभगत से नियुक्ति पाए 150 शिक्षकों ने न तो आवेदन किया और न ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और बीएड पास किया. बावजूद इसके इनकी नियुक्ति कर दी गई।
एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार कुमार के मुताबिक, 2016-17 में प्रदेश में शिक्षकों के 27 हजार पद निकले थे. इसके लिए जूनियर हाई स्कूल और प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जिला स्तर पर बीएसए को जिम्मेदारी दी गई थी. मथुरा में 272 पदों पर भर्ती होनी थी, जिसमें से 257 पदों पर प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पूर्व में जारी मेरिट लिस्ट को संशोधित कर छह महीने पूर्व एक अलग सूची तैयार की गई, इसमें 150 लोगों से 10-10 लाख रुपए लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बिना आवेदन के ही नौकरी दे दी गई।

वहीं एसटीएफ को शक है कि इसका एक बड़ा हिस्सा आला अधिकारियों को जाता था, जिनसे पूछताछ की तैयारी की जा रही है। इसमें कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं। आनंद कुमार ने बताया कि अभी और जिलों में भी जांच कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर एसआईटी गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

No comments:

Post a Comment

Facebook