पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में पर्चा गलत बंटने को लेकर उप्र लोकसेवा
आयोग (यूपी पीएससी) के संबंधित अधिकारियों का फंसना तय हो गया है। परीक्षा
ड्यूटी में लगे अधिकारियों की विभागीय जांच में इनकी लापरवाही उजागर हुई
है। कार्रवाई पर आयोग का अनुमोदन होना है।
इसके साथ ही प्रिंटिंग प्रेस से
हुई गलती को भी गंभीर लापरवाही माना गया है। वहीं आपराधिक मुकदमे की पुलिस
विवेचना अभी आगे नहीं बढ़ सकी है।1यूपी पीएससी की ओर से कराई गई पीसीएस
मुख्य परीक्षा 2017 में दूसरे ही दिन यानी 19 जून को राजकीय इंटर कालेज
इलाहाबाद में अभ्यर्थियों को प्रथम पाली में सामान्य हंिदूी की बजाए निबंध
का पर्चा बांटा गया था। इससे अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर खूब
हंगामा किया था। उसी समय दोनों पालियों की परीक्षा निरस्त कर दी थी और दो
मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इसके दूसरे दिन से ही जांच शुरू हो गई थी। आपराधिक
मुकदमे की जांच कोतवाली पुलिस की ओर से और विभागीय जांच यूपी पीएससी की ओर
से शुरू हुई। अब तक पुलिस की जांच तो परीक्षा ड्यूटी के समय मौजूद
अधिकारियों, कर्मचारियों की सूची लेने के अलावा आगे नहीं बढ़ सकी है जबकि
यूपी पीएससी की विभागीय जांच में पर्यवेक्षण ड्यूटी पर लगे अधिकारियों को
लापरवाही का दोषी पाया गया है। इसमें यूपी पीएससी के दो अधिकारियों पर
कार्रवाई की जानी है। इसके अलावा प्रश्न पत्र छपाई करने वाली प्रिंटिंग
प्रेस के खिलाफ भी जांच पूरी हो गई है। सचिव जगदीश का कहना है कि पर्चा गलत
बंटने से संबंधित सभी लोगों पर कार्रवाई होगी। विभागीय जांच में प्रिंटिंग
प्रेस, परीक्षा केंद्र में पर्चा खुलने के समय मौजूद अधिकारियों की
लापरवाही उजागर हुई है। कार्रवाई क्या होगी इस पर उन्होंने कहा कि आयोग
निर्णय लेगा।
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