हरदोई : एनसीटीई द्वारा बीएड धारकों को प्राइमरी अध्यापक भर्ती में
मौका दिए जा रहा है जबकि प्राइमरी भर्ती के लिए बीटीसी को मान्यता दी गई
है। सरकार व एनसीटीई के इस संशोधन का संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा बीटीसी की
ओर से विरोध किया गया। मंगलवार को मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री व मानव
संसाधन मंत्रालय को संबोधित ज्ञापन सदर सांसद अंशुल वर्मा को दिया गया।
कहा कि यह लोग प्रारंभिक शिक्षाशास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा में
प्रशिक्षण ले चुके हैं या प्रशिक्षण रत हैं। यह लोग केवल प्राथमिक
विद्यालयों में ही नियुक्ति के योग्य है। जबकि बीएड अभ्यर्थी कक्षा 1 से 12
तक के छात्रों को पढ़ाने के योग्य हो जाएंगे । कहा कि प्रदेश में
बीटीसी-डीएलएड डिप्लोमा में प्रशिक्षण ले चुके लगभग दो लाख अभ्यर्थी
बेरोजगार हैं। वर्ष 2019 में इनकी संख्या 5 लाख से अधिक हो जाएगी। ऐसे में
बीएड अभ्यर्थी को 6 माह का ब्रिज कोर्स कराना निरर्थक है। योग्य बीटीसी व
डीएलएड अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष आनन्द मिश्रा,
उपाध्यक्ष अंबू अंसारी, मीडिया प्रभारी भानु प्रताप व महासचिव क्षितिज
मिश्र व उत्कर्ष आदि मौजूद रहे।
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