लखनऊ. 29334 शिक्षकों के
लिए सुप्रीम कोर्ट में बड़ी राहत का फैसला लिया है। BTC B.Ed की डिग्री
लेने से पहले ही TET पास कर नौकरी कर रहे 29334 शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट
से बड़ी राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, जबकि को
हाईकोर्ट में 30 मई को इन शिक्षकों को सेवा से हटाने के लिए कहा था।
मामले
में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ ने
शिक्षकों की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट ने
इन शिक्षकों के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले छात्रों को भी सुप्रीम कोर्ट
को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद
रखी गई है।
याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना है कि यह
सभी शिक्षक सालों से काम कर रहे हैं। ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं
है। 29334 गणित व विज्ञान के सहायक अध्यापक भर्ती को सबसे पहले हाईकोर्ट के
एकल न्याय पीठ में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट में कहा गया कि जिन लोगों ने
प्रशिक्षण के पहले टीईटी पास कर नियुक्ति पाली है उनकी नियुक्ति अवैध मानी
जाएगी क्योंकि TET प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में बैठा जा सकता है। दूसरा
मुद्दा स्नातक में गणित विषय विज्ञान विषय का उठाया गया। कई ऐसे
अभ्यर्थियों को इस में चयनित कर लिया गया जिनका स्नातक में गणित विज्ञान
विषय नहीं था।
2013 में जारी हुआ था विज्ञापन
सीनियर बेसिक स्कूलों में गणित और विज्ञान
के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जुलाई 2013 में जारी किया
गया था। अंतिम रूप में चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रभात कुमार वर्मा
ने 23 अन्य लोगों के साथ याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि नियुक्तियां
शासनादेश के अनुसार नहीं की गई है। जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 23 मई
2018 को अपात्र शिक्षकों को सेवा से हटाने का आदेश दिया था। मामले के
तथ्यों के अनुसार प्रशिक्षु सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त याचियों ने 2013
की 29334 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन किया। इस भर्ती में वे चयनित हो
गए लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए।