बाराबंकी : शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोप की जांच के आदेश बेसिक
शिक्षा मंत्री ने दिया था। फाइल को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पटल सहायक
से मांगी थी, लिपिक ने बीएसए को तीन दिन बाद भी फाइल नहीं दी है। जिस पर
बीएसए ने लिपिक को नोटिस भेजकर पत्रावलियां तलब की है।
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में 12460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल
रही है। जिले में 287 पद रिक्त हैं, जिसके सापेक्ष एक माह पहले 199 शिक्षक
भर्ती की गई और नियुक्ति पत्र तत्कालीन बीएसए पीएन ¨सह ने दे दिया था।
शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं को लेकर भाजपा सांसद प्रियंका ¨सह रावत
ने विशेष तौर पर बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल मिलकर जांच कराए जाने
की बात कही थी। मंत्री ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी थी।
आरोप था कि डीएलएड और बीएलएड में तमाम तरीके से फर्जीवाड़ा हुआ है। किसी ने
टेट का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया है तो किसी का प्रशिक्षण कॉलेज ही अवैध है।
मेरिट गुणांक को बढ़ाने के लिए पूर्णांकों को भी कम कर दिया, जिसकी
सत्यापन के समय जांच भी नहीं होती है और ऐसे अभ्यर्थी बच निकलते हैं।
निकाली गई कटऑफ में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। इस शिक्षक भर्ती की फाइल पटल
सहायक अखिलेश शुक्ला के पास है। बीएसए ने पटल सहायक से पत्रावलियां मांगी
तो देने में हीलाहवाली के बाद संदेह गहरा गया है। अब लिपिक को नोटिस भेजकर
पत्रावलियां मांगी है।
“ शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े की जांच तभी पूरी संभव है, जब पत्राविलयां
मुझे प्राप्त हो। पटल सहायक से कागजात मांगे थे लेकिन नहीं मिले हैं। हमने
लिपिक को पत्र देकर फिर से पत्रावलियां मांगी है। यदि इसके बाद भी शिक्षक
भर्ती संबंधी कागज नहीं मिलते हैं तो लिपिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की
जाएगी। ''
विनय कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी।
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