यूपी पीएससी की परीक्षाओं में अंतिम अवसर वालों के टूट रहे सपने

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) की लेटलतीफी ने पीसीएस परीक्षा 2016 और आरओ-एआरओ परीक्षा 2016 में शामिल उन अभ्यर्थियों का जीवन अंधकार में कर दिया है जिनके लिए इन परीक्षाओं में शामिल होने का आखिरी अवसर था।
अभ्यर्थी परिणाम का इंतजार कर रहे हैं और परीक्षाएं खटाई में हैं। इसमें आरओ-एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा सीबीसीआइडी की जांच और यूपी पीएससी की कमजोर पैरवी के चलते ठंडे बस्ते में है तो पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2016 का परिणाम निकालने में अब भी असमंजस बना हुआ है। इससे प्रदेश में बड़ी तादाद में युवाओं पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी पड़ रहा है।1पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2016 के परिणाम पर असमंजस ने प्रदेश में एसडीएम और डिप्टी एसपी समेत विभिन्न विभागों में कुल 633 पदों की भरपाई भी रोक रखी है। साथ ही मुख्य परीक्षा में शामिल 12897 अभ्यर्थियों के भविष्य पर प्रश्न चिह्न् लगा रखा है। इसमें बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जिनके लिए अवसरों के लिहाज से यह अंतिम परीक्षा है। यूपी पीएससी ने 20 सितंबर से पांच अक्टूबर, 2016 के बीच पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा कराई भी जिसका परिणाम पौने दो साल में भी जारी होने की स्थिति में नहीं है। इस परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन यूपी पीएससी फरवरी 2017 में शीर्ष कोर्ट से स्टे मिलने के बाद से ही करा रहा है। जुलाई अंत में रिजल्ट देने का यूपी पीएससी का दावा था लेकिन, सचिव जगदीश की मानें तो परिणाम जारी करने में अभी वक्त लगेगा।1कुछ यही हाल आरओ-एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा 2016 का भी है। परीक्षा में पेपर लीक होने का प्रकरण और शिकायतों पर सीबीसीआइडी जांच अब तक पूरी न होने के चलते 361 पदों पर समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के चयन लंबित हैं। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर, 2016 को हुई थी जिसमें दो लाख 32 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस परीक्षा में शामिल भी ऐसे अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय है जिनके लिए आयु सीमा तथा अवसरों के लिहाज से इस परीक्षा में शामिल होने का आखिरी मौका था। सूत्र बताते हैं कि इस मामले की जांच कर रहे सीबीसीआइडी अफसरों ने यूपी पीएससी से काफी पहले आख्या मांगी थी उसके बाद से भी कमजोर पैरवी ने परीक्षा परिणाम पर स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो रही है।