संभल। बेहतर इलाज के आभाव में बीमार चल रहे समायोजित शिक्षामित्र की दिल्ली
के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। शिक्षामित्र समायोजन रद्द
होने के बाद अवसाद में था। शिक्षामित्र की मौत की खबर मिलते ही परिवार में
कोहराम मचा है।
विकासखंड पवांसा के प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर में तैनात गांव सीतापुरी
निवासी शिक्षामित्र राजेंद्र प्रसाद (34वर्ष) की शुक्रवार को इलाज के दौरान
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। मौत की खबर मिलने पर परिजनों का
रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी सावित्री का कहना था कि उनके पति समायोजन रद्द
होने के बाद अवसाद में रहते थे। इसी कारण वह बीमारी की चपेट में आ गए।
पैसों की तंगी थी। मंहगाई के दौर में 10 हजार रुपये मानदेय में बेहतर इलाज न
हो सका। परिजनों का कहना था कि यदि पूरी तनख्वाह मिल रही होती तो बेहतर
इलाज करा पाते। इससे राजेंद्र की जान नहीं जाती। अब राजेंद्र की मौत के बाद
बच्चों के पालन पोषण पर संकट रहेगा। वहीं शिक्षामित्र एसोसिएशन ने बैठक कर
राजेंद्र की मौत पर शोक संवेदना प्रकट की तथा सरकार से मुआवजे की मांग की।
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