12460 भर्ती सपा सरकार ने दी। उस जमाने के बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन जी कहते थे भर्ती जितनी दे रहे हैं ले लो अन्यथा भर्ती आचार संहिता में फंस जायेगी क्योंकि हमारे पास ज्यादा पद बचे नहीं लेकिन 16448 भर्ती प्रक्रिया से मक्खी की तरह निकाला गया बैच आखिर क्या करता???
12460 भर्ती रंच मात्र थी खैर आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले तक प्रयाश किया गया और आखिरकार भर्ती का शासनादेश 15 दिसम्बर 2016 को जारी होता है। उसी दरम्यान 2 माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की बात कही जाती है , पहले टाइम स्लॉट के मुताबित 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र देना सुनिश्चित किया जाता है लेकिन कुछ एलियन्स को पेमेंट समस्या होती है और वे लोग लगातार विलाप करने लगते हैं कि हमारा फाइनल प्रिंट नहीं निकल रहा है और इसी दौरान एक बार तिथि बढ़ाकर 31 मार्च को नियुक्ति पत्र देने का स्लॉट आता है। अकस्मात योगी सरकार सत्ता में आती है और अप्रत्याशित ढंग से 23 मार्च को शासन द्वारा रोक लगा दी जाती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला तूल पकड़ता है और जद्दोजहद के बाद डबल बेंच से चैलेंज्ड बेस ऑफ़ सेलेक्शन का फैसला रिजर्व किया जाता है ,
साथ ही साथ लाखों शिक्षामित्रों का भविष्य कागजी पन्नों में रिजर्व हो जाता है। इसी दौरान गर्मी की छुट्टियां होने को आती हैं लेकिन 16 मई को ग्रेडिंग प्रकरण में रोक का डबल डोज मिल जाता है और सिंगल बेंच री फिक्सिंग का नया प्रकोप ला देती है। कोर्ट खुलते ही हाइकोर्ट स्टे की रीढ़ तोड़ी जाती है लेकिन अब नया ड्रैगन सरप्लस टीचर करके आ जाता है फ़िलहाल जुलाई माह में कोर्ट से भर्ती सम्बन्धी सभी विवादों का निस्तारण होने की उम्मीद है और शासन भी अब शायद इस भर्ती को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं पायेगी क्योंकि हर एक प्रलय की एक सीमा होती है..........
एक कदम सकारात्मकता की ओर
---
1. लक्ष्मण मेला मैदान में भर्ती बहाली का धरना चलता रहे.......
2. सरप्लस समायोजन की प्रकिया जल्द पूर्ण हो.....
3. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया जाये....
4. ग्रेडिंग केस का निस्तारण हो जाये....
5. भर्ती प्रक्रिया रोके जाने के सरकार इंष्ट्रक्शन लगा दे.....
धन्यवाद
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
12460 भर्ती रंच मात्र थी खैर आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले तक प्रयाश किया गया और आखिरकार भर्ती का शासनादेश 15 दिसम्बर 2016 को जारी होता है। उसी दरम्यान 2 माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की बात कही जाती है , पहले टाइम स्लॉट के मुताबित 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र देना सुनिश्चित किया जाता है लेकिन कुछ एलियन्स को पेमेंट समस्या होती है और वे लोग लगातार विलाप करने लगते हैं कि हमारा फाइनल प्रिंट नहीं निकल रहा है और इसी दौरान एक बार तिथि बढ़ाकर 31 मार्च को नियुक्ति पत्र देने का स्लॉट आता है। अकस्मात योगी सरकार सत्ता में आती है और अप्रत्याशित ढंग से 23 मार्च को शासन द्वारा रोक लगा दी जाती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला तूल पकड़ता है और जद्दोजहद के बाद डबल बेंच से चैलेंज्ड बेस ऑफ़ सेलेक्शन का फैसला रिजर्व किया जाता है ,
साथ ही साथ लाखों शिक्षामित्रों का भविष्य कागजी पन्नों में रिजर्व हो जाता है। इसी दौरान गर्मी की छुट्टियां होने को आती हैं लेकिन 16 मई को ग्रेडिंग प्रकरण में रोक का डबल डोज मिल जाता है और सिंगल बेंच री फिक्सिंग का नया प्रकोप ला देती है। कोर्ट खुलते ही हाइकोर्ट स्टे की रीढ़ तोड़ी जाती है लेकिन अब नया ड्रैगन सरप्लस टीचर करके आ जाता है फ़िलहाल जुलाई माह में कोर्ट से भर्ती सम्बन्धी सभी विवादों का निस्तारण होने की उम्मीद है और शासन भी अब शायद इस भर्ती को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं पायेगी क्योंकि हर एक प्रलय की एक सीमा होती है..........
एक कदम सकारात्मकता की ओर
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1. लक्ष्मण मेला मैदान में भर्ती बहाली का धरना चलता रहे.......
2. सरप्लस समायोजन की प्रकिया जल्द पूर्ण हो.....
3. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया जाये....
4. ग्रेडिंग केस का निस्तारण हो जाये....
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