राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बीटीसी का नया नाम डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) प्रशिक्षण सत्र 2016-17 शून्य घोषित कर दिया गया है। अब 2017-18 सत्र के लिए प्रवेश होंगे। इसके लिए नये आवेदक जिनकी उम्र एक जुलाई को 18 वर्ष पूरी हो रही है उन्हें आवेदन करने का मौका दिया जाएगा।
इसी बीच ‘दैनिक जागरण’ ने सत्र विलंब से चलने और शीर्ष कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन न होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। इसमें लिखा गया कि शीर्ष कोर्ट ने 2017 से सत्र नियमित करने का आदेश आठ सितंबर 2015 को दिया है, लेकिन अभी 2016 के ही प्रवेश हो रहे हैं, ऐसे में इस वर्ष भी सत्र नियमित होने के आसार नहीं है। इसका शासन ने संज्ञान लिया और अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अगुवाई में सत्र नियमित करने पर गंभीरता से विचार किया। इसमें प्रशासनिक टीम ने सुझाव दिया कि 2016 का सत्र शून्य करना ही एकमात्र विकल्प है, जिसमें सत्र नियमित हो सकता है। इस पर न्याय विभाग ने भी मुहर लगा दी। इसी के बाद शासन और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने 2016-17 का सत्र शून्य घोषित करने का आदेश सोमवार को जारी कर दिया है। 1निजी कालेज बढ़े, सीटें दोगुनी : 2016-17 सत्र शून्य होने के कारण निजी डीएलएड कालेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो जाएगी। 2016-17 सत्र में 1422 निजी कॉलेजों की 71100 और 63 डायट की 10500 समेत कुल 81600 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए। जबकि 2017-18 सत्र में 1557 निजी कालेजों की संख्या बढ़कर 2979 हो जाएगी। ऐसे में नये सत्र के लिए सीटों की संख्या एक लाख 59 हजार 450 होगी। असल में नये निजी कालेजों को 30 मई 2016 के बाद संबद्धता दी गई है, जबकि कोर्ट ने इसके पहले संबद्ध करने को कहा था, सत्र शून्य होने से वह अनुपालन भी हो गया है।इलाहाबाद : 2016-17 सत्र शून्य घोषित होने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी को डीएलएड 2017-18 सत्र के आवेदन के लिए वेबसाइट को दोबारा खोलना होगा। असल में 2016-17 सत्र में प्रवेश के लिए एक जुलाई 2016 को 18 वर्ष पूरा करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे, लेकिन सत्र 2017-18 के लिए एक जुलाई 2017 को 18 वर्ष पूरा करने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन के योग्य हो जाएंगे। ऐसे में इन अभ्यर्थियों को अवसर देने के लिए दोबारा कम से कम एक सप्ताह के लिए वेबसाइट खोलनी होगी। सचिव ने बताया कि जल्द ही वेबसाइट खोली जाएगी।12 जुलाई के अंक में प्रकाशित खबर
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इसी बीच ‘दैनिक जागरण’ ने सत्र विलंब से चलने और शीर्ष कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन न होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। इसमें लिखा गया कि शीर्ष कोर्ट ने 2017 से सत्र नियमित करने का आदेश आठ सितंबर 2015 को दिया है, लेकिन अभी 2016 के ही प्रवेश हो रहे हैं, ऐसे में इस वर्ष भी सत्र नियमित होने के आसार नहीं है। इसका शासन ने संज्ञान लिया और अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अगुवाई में सत्र नियमित करने पर गंभीरता से विचार किया। इसमें प्रशासनिक टीम ने सुझाव दिया कि 2016 का सत्र शून्य करना ही एकमात्र विकल्प है, जिसमें सत्र नियमित हो सकता है। इस पर न्याय विभाग ने भी मुहर लगा दी। इसी के बाद शासन और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने 2016-17 का सत्र शून्य घोषित करने का आदेश सोमवार को जारी कर दिया है। 1निजी कालेज बढ़े, सीटें दोगुनी : 2016-17 सत्र शून्य होने के कारण निजी डीएलएड कालेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो जाएगी। 2016-17 सत्र में 1422 निजी कॉलेजों की 71100 और 63 डायट की 10500 समेत कुल 81600 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए। जबकि 2017-18 सत्र में 1557 निजी कालेजों की संख्या बढ़कर 2979 हो जाएगी। ऐसे में नये सत्र के लिए सीटों की संख्या एक लाख 59 हजार 450 होगी। असल में नये निजी कालेजों को 30 मई 2016 के बाद संबद्धता दी गई है, जबकि कोर्ट ने इसके पहले संबद्ध करने को कहा था, सत्र शून्य होने से वह अनुपालन भी हो गया है।इलाहाबाद : 2016-17 सत्र शून्य घोषित होने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी को डीएलएड 2017-18 सत्र के आवेदन के लिए वेबसाइट को दोबारा खोलना होगा। असल में 2016-17 सत्र में प्रवेश के लिए एक जुलाई 2016 को 18 वर्ष पूरा करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे, लेकिन सत्र 2017-18 के लिए एक जुलाई 2017 को 18 वर्ष पूरा करने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन के योग्य हो जाएंगे। ऐसे में इन अभ्यर्थियों को अवसर देने के लिए दोबारा कम से कम एक सप्ताह के लिए वेबसाइट खोलनी होगी। सचिव ने बताया कि जल्द ही वेबसाइट खोली जाएगी।12 जुलाई के अंक में प्रकाशित खबर
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