प्रमोशन का लाभ नहीं मिला समायोजन का दंड

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने एलटी ग्रेड शिक्षकों को तीन साल में पदोन्नति नहीं दी लेकिन, तीन माह में उनके समायोजन की सूची तैयार करके जारी करा दी है।
इस सूची में सिर्फ एलटी शिक्षकों की भरमार है। कई स्कूल में जिन विषयों का मात्र एक शिक्षक ही है उसे भी समायोजित करने में अफसरों ने देर नहीं की है। इससे कालेजों में पठन-पाठन प्रभावित होने के आसार हैं। 1बालक राजकीय हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षक लंबे समय से पदोन्नति की आस लगाए हैं। इसके लिए शिक्षकों ने अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई है। अफसरों ने सभी मंडलों को पत्र भेजकर वरिष्ठता सूची भेजने का निर्देश भी कई बार जारी किया लेकिन, अब तक एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की वरिष्ठता तैयार नहीं हो सकी है। बड़ी संख्या में एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की पदोन्नति किये बगैर ही विभाग ने उनके समायोजन की सूची तय समय पर जरूर जारी कर दी है।1 राजकीय कालेजों के जिन 638 शिक्षकों का समायोजन होना है उनमें सभी एलटी ग्रेड के ही हैं। प्रवक्ता संवर्ग वरिष्ठता के आधार पर समायोजन से बच गया है। अब इन शिक्षकों को जिले के ही सुदूर स्कूलों में भेजे जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं, जो शिक्षक आवेदन नहीं करेंगे, उनका भी समायोजन विभाग खुद दूसरे कालेजों में कर देगा। अफसरों की एकतरफा कार्रवाई से एलटी ग्रेड शिक्षकों का संवर्ग खफा है। उनका कहना है कि यदि विभाग ने समय पर पदोन्नति कर दी होती तो इतने शिक्षकों के समायोजन की जरूरत ही नहीं होती लेकिन, अफसरों ने शासन तक को गुमराह करके पदोन्नति के बजाय समायोजन को ही तरजीह दी है। उनका सवाल है कि जो प्रमोशन लंबित हैं यदि समायोजन के बाद होंगे तो व्यवस्था फिर गड़बड़ाएगी और कालेजों में साल भर पढ़ाई की जगह शिक्षक यहां से वहां जाते रहेंगे। यही नहीं एलटी शिक्षकों के हटने के बाद तमाम स्कूलों में पठन-पाठन पर भी संकट आना तय है, क्योंकि निर्देशों के विपरीत विषय के एक शिक्षक को भी समायोजित कर दिया गया है। ऐसे में अब वहां संबंधित विषय कौन पढ़ाएगा।
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