जालौन (ब्यूरो) जुगाड प्रक्रिया से अपना स्थानांतरण
मनचाही जगहों पर कराने वाले शिक्षक बुरी तरह फंस गए हैं। पहले जुगाड लगाकर
उन्होंने अपने मनचाहे जगहों पर स्थानांतरण तो करवा लिया, पर अब उन
विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या अनुपात से अधिक हो गई।
जिसके चलते शासन के आदेश पर सोमवार को फिर से शुरू हुई समायोजन प्रक्रिया में ऐसे शिक्षकों को फिर से स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया हैै। सोमवार को शिक्षकों से स्थानांतरण के लिए विकल्प पत्र भरवाए गए।
गौरतलब है कि बीती सपा सरकार में शासन के आदेश पर एक कमेटी का गठन कर शिक्षकों का समायोजन किया गया था। इसमें बडे पैमाने पर धांधली की गई थी और सभी नियम-कायदों को ठेंगे पर रखकर शिक्षकों का ऐसी जगह स्थानांतरण कर दिया गया था जहां पहले से ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक थे। सूत्रों की मानें तो कई शिक्षकों ने तो स्थानांतरण अपनी मनचाही जगहों पर कराने के लिए एक-एक लाख रुपए तक सुविधा शुल्क दिया। नियमों के विपरीत हुए शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले ने काफी तूल पकडा था और जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेकर जांच कराकर रिपोर्ट शासन तक को भेज दी थी। अब शासन के आदेश पर फिर से समायोजन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें जुगाड प्रक्रिया से स्थानांतरण कराने वाले शिक्षकों को फिर से दूरस्थ क्षेत्रों में भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। इससे शिक्षकों के सामने अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है। कारण यह कि एक तो उनके रुपए भी चले गए और दूसरा मनचाही जगह पर तैनाती भी बरकरार नहीं रह पा रही है। ऐसे में यह शिक्षक अब दोबारा नए सिरे से जुगाड भिडाने में जुट गए हैं। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग में समायोजन प्रक्रिया शुरू हो गई। इसमें शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाए गए हैं। अब देखना यह है कि जुगाड लगाकर पहले से अपना स्थानांतरण करवा चुके शिक्षक अब क्या नया तरीका खोज निकालते हैं |
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जिसके चलते शासन के आदेश पर सोमवार को फिर से शुरू हुई समायोजन प्रक्रिया में ऐसे शिक्षकों को फिर से स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया हैै। सोमवार को शिक्षकों से स्थानांतरण के लिए विकल्प पत्र भरवाए गए।
गौरतलब है कि बीती सपा सरकार में शासन के आदेश पर एक कमेटी का गठन कर शिक्षकों का समायोजन किया गया था। इसमें बडे पैमाने पर धांधली की गई थी और सभी नियम-कायदों को ठेंगे पर रखकर शिक्षकों का ऐसी जगह स्थानांतरण कर दिया गया था जहां पहले से ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक थे। सूत्रों की मानें तो कई शिक्षकों ने तो स्थानांतरण अपनी मनचाही जगहों पर कराने के लिए एक-एक लाख रुपए तक सुविधा शुल्क दिया। नियमों के विपरीत हुए शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले ने काफी तूल पकडा था और जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेकर जांच कराकर रिपोर्ट शासन तक को भेज दी थी। अब शासन के आदेश पर फिर से समायोजन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें जुगाड प्रक्रिया से स्थानांतरण कराने वाले शिक्षकों को फिर से दूरस्थ क्षेत्रों में भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। इससे शिक्षकों के सामने अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है। कारण यह कि एक तो उनके रुपए भी चले गए और दूसरा मनचाही जगह पर तैनाती भी बरकरार नहीं रह पा रही है। ऐसे में यह शिक्षक अब दोबारा नए सिरे से जुगाड भिडाने में जुट गए हैं। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग में समायोजन प्रक्रिया शुरू हो गई। इसमें शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाए गए हैं। अब देखना यह है कि जुगाड लगाकर पहले से अपना स्थानांतरण करवा चुके शिक्षक अब क्या नया तरीका खोज निकालते हैं |
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