चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिका बदलवाकर नौकरी पाने वाले 600 मुन्नाभाई के बाद एक और बड़ा राजफाश हुआ है। इस बार उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद नाम के फर्जी बोर्ड ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में फर्जी मार्कशीट थोक के भाव बांट दी हैं।
इनके बूते 1100 से अधिक युवा सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्रों में नौकरी कर रहे हैं। आरोपितों की तलाश में उप्र एसटीएफ ने पश्चिम में डेरा डाल लिया है।118 फरवरी को लखनऊ में प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स ने फर्जी बोर्ड बनाकर छात्रों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। यह गिरोह उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर ठगी कर रहा था। जांच आगे बढ़ी तो इस बोर्ड के तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी जुड़ गए हैं। आरोपितों की तलाश में शुक्रवार को मेरठ पहुंची लखनऊ एसटीएफ ने कई जगहों पर दबिश भी दी। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, इस फर्जी बोर्ड ने प्रदेश के 62 संस्थानों को बोर्ड की मान्यता के सर्टिफिकेट दिए थे। इन संस्थानों से 10 वीं व 12 वीं पास कर चुके करीब 1100 युवा फर्जी मार्कशीट पर ही विभिन्न विभागों में नौकरी हासिल कर चुके हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
यहां भी है स्टडी सेंटर : गिरोह ने उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली व महाराष्ट्र आदि राज्यों के स्टडी सेंटर खोल रखे हैं।
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