इसके बाद भी स्थिति में सुधार होने की बजाए आयोग की छवि लगातार दागदार होती जा रही है। गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग की ओर से होने वाली भारतीय प्रशासनिक सेवा की अति प्रतिष्ठित परीक्षा योग्य विशेषज्ञों के बलबूते ही निर्विवाद रहती हैं। प्रतियोगियों को भी यूपीएससी के विशेषज्ञों पर पूरा भरोसा रहता है। जबकि, उप्र में उच्च प्रशासनिक सेवा के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोग कराता है और अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं विवादित होकर हाईकोर्ट पहुंच रही हैं। पीसीएस 2015, पीसीएस 2016, आरओ-एआरओ 2013, आरओ-एआरओ 2016 सहित अन्य परीक्षाओं में आयोग ने भी अपने स्तर से प्रश्नों को रद किया, अभ्यर्थियों की आपत्ति और हाईकोर्ट तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर भी कई प्रश्न व उत्तरों में संशोधन किए गए। वर्तमान में अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव के निर्देशन में भी परीक्षा विवादों में घिर रही हैं। सभी परीक्षाओं में विवाद सवालों व उनके उत्तरों को लेकर हो रहे हैं जिन्हें आयोग विशेषज्ञों से तैयार करवाता है और दूसरे विशेषज्ञों से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाता है।

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