इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग पीसीएस 2018 को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के पैटर्न पर कराने का दावा कर रहा है लेकिन, परीक्षा कार्यक्रम के लिए उसके विशेषज्ञों की योग्यता अब भी सवालों के घेरे में है। विशेषज्ञों के चलते ही आयोग की पहले भी कई परीक्षाओं में किरकिरी हो चुकी है।
इसके बाद भी स्थिति में सुधार होने की बजाए आयोग की छवि लगातार दागदार होती जा रही है। गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग की ओर से होने वाली भारतीय प्रशासनिक सेवा की अति प्रतिष्ठित परीक्षा योग्य विशेषज्ञों के बलबूते ही निर्विवाद रहती हैं। प्रतियोगियों को भी यूपीएससी के विशेषज्ञों पर पूरा भरोसा रहता है। जबकि, उप्र में उच्च प्रशासनिक सेवा के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोग कराता है और अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं विवादित होकर हाईकोर्ट पहुंच रही हैं। पीसीएस 2015, पीसीएस 2016, आरओ-एआरओ 2013, आरओ-एआरओ 2016 सहित अन्य परीक्षाओं में आयोग ने भी अपने स्तर से प्रश्नों को रद किया, अभ्यर्थियों की आपत्ति और हाईकोर्ट तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर भी कई प्रश्न व उत्तरों में संशोधन किए गए। वर्तमान में अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव के निर्देशन में भी परीक्षा विवादों में घिर रही हैं। सभी परीक्षाओं में विवाद सवालों व उनके उत्तरों को लेकर हो रहे हैं जिन्हें आयोग विशेषज्ञों से तैयार करवाता है और दूसरे विशेषज्ञों से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाता है।
sponsored links:
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी