लखनऊ- राजधानी के लक्ष्मण झुला मैदान में गुरुवार को अपनी मागों को लेकर बैठे शिक्षामित्रों के विशाल धरना प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है। मैदान में एक-एक करके शिक्षामित्रों का जमावड़ा इकट्ठा होने लगा है। आपको बता दें कि योगी सरकार के सामने अपनी मागों लेकर शिक्षामित्र चार दिन तक प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल, शिक्षा सहायक अध्यापक पद पर तैनाती की मांग को लेकर यूपी के तमाम जिलों से आए शिक्षामित्रों का शहर में धरना प्रदर्शन चल रहा है । शिक्षामित्र अपनी बिगड़ी आर्थिक स्थिति से परेशान होकर धरना देने पहुंचे हैं। गौरतलब है कि शिक्षामित्रों ने राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि समायोजन निरस्त होने के बाद अब तक करीब 500 से ज्यादा शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है। शिक्षामित्रों का कहना है कि समायोजन रद्द होने के बाद से उनका जीवन बदहाल हो गया है. उनका कहना है कि सरकार सभी शिक्षामित्रों को पैराटीचर के पद पर नियुक्त करे. जब तक उनकी नियुक्ति नहीं होती, तब तक उनको समान कार्य समान वेतन मिलना चाहिए.
उन सभी के परिवार को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. शिक्षामित्रों का कहना है कि जब वह 10 हजार के मानदेय पर काम करते हैं तो पढ़ाने के लिए योग्य हो जाते हैं. वहीं 40 हजार के वेतन के लिए उनको अयोग्य माना जाता है. उन्होंने इसे सरकार की दोहरी नीति बताया. शिक्षामित्रों के अनुसार उनके साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. एक सरकार ने नियुक्ति दी तो दूसरे ने समायोजन रद्द कर दिया. मालूम हो कि 25 जुलाई, 2017 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सूबे के करीब 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था.
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- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी