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3000 हज़ार से ज्यादा पदों पर विज्ञापन जारी कर होंगी भर्तियां , इन पदों पर भी होगी भर्ती

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जल्द ही सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया से से रोक हटा ली है तथा जल्द ही रिक्त पदों पर भर्ती शुरू करने के आदेश दिए हैं।
जल्द ही जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विज्ञापन जारी कर होंगी भर्तियां
बता दें की उत्तर प्रदेश में 3000 हज़ार से ज्यादा सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालय है जहाँ बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के पद खाली हैं। इससे पढाई पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके मद्देनजर बेसिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार को सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्तियों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। विभाग के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने सभी जिलों में इन विद्यालयों में भर्ती की कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं। सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक और 4 सहायक अध्यापक के मानक के आधार पर रिक्त पदों की गणना की जाएगी। निलंबित प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के पद के रिक्त नहीं माना जाएगा। स्कूल प्रबंधन को रिक्त पदों की विस्तृत सूचना और भर्ती का प्रस्ताव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को देना होगा। बीएसए प्रस्ताव का परीक्षण कर भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मंजूरी देंगे। सहायक अध्यापक की भर्ती के समय विषय का ध्यान रखा जाएगा ताकि स्कूल में सभी विषयों के अध्यापक उपलब्ध हो।
इन पदों पर भी होगी भर्ती
वहीँ दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में पद से अधिक भर्तियों का रिकॉर्ड बनने जा रहा है। तीन माह पहले टीजीटी 2009 सामाजिक विज्ञान विषय में भर्ती के पदों से अधिक शिक्षकों के चयन का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह अब और तेज होगा। 2009 व 2010 की प्रशिक्षित स्नातक यानि टीजीटी भर्ती के चार विषयों में जल्द ही अतिरिक्त शिक्षक चयनित होंगे, जिन्हें अशासकीय माध्यमिक कालेजों में नए पदों पर तैनाती दी जाएगी। खास बात यह है कि पहले से चयनित किसी अभ्यर्थी को हटाया नहीं जाएगा।1यह अलग बात है कि टीजीटी 2009 सामाजिक विज्ञान विषय भर्ती में अतिरिक्त शिक्षकों के चयन का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, उसी तर्ज पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नियुक्तियां करने का आदेश जारी किया है। असल में, टीजीटी 2010 जीव विज्ञान , संस्कृत व हंिदूी और टीजीटी 2009 कला विषय के सवालों के जवाब को लेकर अभ्यर्थियों में मतभेद रहा है। भर्ती प्रक्रिया के दौरान उत्तर कुंजी जारी होने पर बड़ी संख्या में आपत्तियां की गईं लेकिन, चयन बोर्ड ने अभ्यर्थियों के दिए साक्ष्यों को नहीं माना। अफसरों ने अंतिम उत्तर कुंजी जारी करने के बाद दो वर्षो के चारों विषयों के तय पदों के सापेक्ष चयन की सूची जारी कर दी और तमाम ने आवंटित कालेजों में नियुक्ति भी ली है। सवालों के जवाब गलत ठहराने के बाद भी अभ्यर्थी चुप नहीं बैठे और वह कोर्ट में लड़ाई लड़ते रहे। अब हाईकोर्ट ने शीर्ष कोर्ट के सामाजिक विज्ञान विषय की तर्ज पर चारों विषयों में संबंधित सवालों को सही मानते हुए अतिरिक्त अभ्यर्थियों का चयन करके नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।


यह भी कहा गया है कि पूर्व में चयनित किसी अभ्यर्थी को इस प्रक्रिया में हटाया नहीं जाएगा, बल्कि कालेजों में जो नए पद खाली हुए हैं, उन्हीं पर तैनाती दी जाए। कोर्ट ने इसके लिए तीन माह का समय दिया है। चयन बोर्ड में अभी अध्यक्ष व सदस्य नहीं है, उनके आते ही यह प्रक्रिया पूरी होगी और करीब 150 से अधिक नए अभ्यर्थी शिक्षक बन सकेंगे। ज्ञात हो कि हंिदूी विषय में ही केवल 70 से अधिक नए अभ्यर्थी चयनित हो रहे हैं।
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