इलाहाबाद: पुलिस भर्ती 2015 के 35 हजार अभ्यर्थियों को इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने भर्ती पर लगी रोक हटा ली है और
लिखित परीक्षा के बिना मेरिट के आधार पर चयन को वैध करार देते हुए इस
व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज कर दी है।
यह आदेश मुख्य
न्यायाधीश डीबी भोंसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने रणविजय सिंह
व अन्य की याचिका पर दिया है। 1मेरिट के आधार पर होने वाली पुलिस भर्ती
2015 को जनवरी 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने
कोई स्थगनादेश दिए बिना भर्ती प्रक्रिया को चालू रखने को कहा। 27 मार्च
2016 को कोर्ट ने कहा कि भर्ती का अंतिम परिणाम कोर्ट के फैसले के अधीन
होगा। रणविजय सिंह व अन्य की याचिका पर अक्टूबर 2016 से बहस शुरू हुई। 20
जनवरी 2017 को कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर दिया।
आठ महीने तक कोई फैसला नहीं आया तो मामले का पुन: संज्ञान लेते हुए
न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल की पीठ ने मेरिट के आधार पर पुलिस भर्ती के संबंध
में नई सरकार से जवाब मांगा। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि पुरानी भर्ती
के नियमों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, जबकि पुलिस की आगामी भर्तियां
लिखित परीक्षा के आधार पर होंगी। इस पर कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को निर्णय
एक बार फिर सुरक्षित कर लिया। गुरुवार को चीफ जस्टिस भोंसले व न्यायमूर्ति
सुनीत कुमार की खंडपीठ ने मेरिट के आधार पर भर्ती की वैधता को चुनौती देने
वाली याचिका खारिज कर दी।
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