टीईटी 2011 बीएड 2012 प्रकरण मामले में सुप्रीम कोर्ट अपडेट दिनांक 11 जुलाई 2018

टीम संघ सुप्रीम कोर्ट अपडेट दिनांक 11 जुलाई 2018
(टेट-11 बीएड-12 प्रकरण)

*ओम नारायण तिवारी,*✍🏼✍🏼....।*

💢 पूर्व में टीम के द्वारा बताई गयी सूचना के अनुसार टीम संघ के द्वारा सभी प्रभावित साथियों के हितार्थ 2 SLP फाइल की गयी हैं जिनकी डिटेल निम्न है 👇👇

*1. (डायरी संख्या-25202/2018) Prachi Singh (wife of Krish Mohan Singh) & Ors Vs State of U.P.*. जिसका आधार/उद्देश्य पेरसुइंग शब्द की उचित व्याख्या क्लॉज़ 5(ii) की आत्मा के अनुसार करवाना है।

2. *(डायरी संख्या - 25112/2018 Vishal kumar & Ors Vs State of U.P).* जिसका उद्देश्य/आधार सभी ऐसे साथियों को सुरक्षित करना है जिक सत्र 2010-11 था और ट्रेनिंग पैरीक्षा परिणाम लेट होने की वजह से  इस आदेश से प्रभावित हो गए।

3. हमारे बीटीसी सहयोगी (*प्रेम वर्मा एंड टीम) *(डायरी संख्या-24565/2018, Avesh Vikram Singh & Ors Vs State of U.P.)*

इस 5(ii) के विवादित बिंदु पर लगभग 11 से 14 SLP  पक्ष की तरफ से फाइल हो रही हैं और लगभग 4-5 कैविटर्स हैं, किस SLP को इसमें लीडिंग होनी चाहिए या यूँ कहिये फ्रंट पर रखकर बाकी SLP को अपनी सुनवायी करवानी चाहिए इस पर मेरी विस्तृत राय पिछली पोस्ट दिनांक 4 जुलाई में आ चुकी है और अधिक emphasis नहीं करना चाहूंगा।

💢 *बात करते हैं वर्तमान में बेंच की, वैसे तो सभी बेंचेज का रुख लगभग एक होता है किंतु कुछ बेंचेज मानवीय पहलू पर अधिक महत्त्व देती है। उस लिहाज से कुछ विशेष बेंच अधिक बेहतर हो हैं सकती हैं ।*

💢लेकिन  वर्तमान में जो SLP माननीय अरुण मिश्र जी की बेंच में 13 जुलाई 2018 के लिए लिस्ट हुई है उसमें काफी संशय और प्रश्न उठते हैं मसलन:    
    _👉उपरोक्त बताये गए मानक पर तुलनात्मक रूप से बेंच का अधिक उचित न होना  विशेष कर जब हम सभी माननीय न्यायाधीश दिलीप गुप्ता जी के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल कर रहे हैं।_
_👉दूसरा जैसा कि मेरी पिछली पोस्ट में था किस पेटिशन को लीडिंग होना चाहिए और किसको नहीं उसी के क्रम इस याचिका को उस मानक में खरा न उतरना_
_👉 विशेष : जब इतने  सारी SLP (लगभग 11 से 14 SLP)  एक ही मुद्दे पर एक पक्ष में आ रहीं हो तो बेहतर यही होगा कि कोई एक SLP अकेले सुनवाने की अपेक्षा सभी SLP एक साथ पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में पूरे मनोबल से अपना पक्ष रखें तो ज्यादा बेहतर हो सकता है बेशक कोई SLP अपने दम पर भी बेहतर कर सकती है लेकिन अगर सभी के साथ होने से और बेहतर और निश्चित बेहतर हो सकता है तो  सुझाव यही होगा कि निश्चित बेहतर को पकड़ना चाहिए।_

हालाँकि सभी व्यक्ति जिम्मेदार है और मैं किसी ऋणात्मक पक्ष को रखने के बजाय सकारात्मक पर जोर देते हुए सभी साथी इस पर अपना उचित और विवेकशील निर्णय लेकर सभी को सुरक्षित करेंगे ऐसी आशा करता हूँ

पुनः टीम संघ की तरफ से आप सभी को इतना अवश्य भरोसा दिलॉऊंगा की किन्ही भी परिस्थितयों में टीम दमदारी से अपना पक्ष रखकर इस 5(ii) के विवादित बिंदु पर प्रभावी पैरवी करके हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित सभी शिक्षक साथियों कि आजीविका सुरक्षित करेगी।

⚜ *उच्च प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश*⚜