लखनऊ. 68500 पदों पर हुई शिक्षा भर्ती का विवाद लगातार
बढ़ता ही जा रहा है। सीएम योगी ने इस मामले में जांच कमेटी अध्यक्ष संजय
भूसरेड्डी की रिपोर्ट पर सीएम योगी ने 2 अधिकारीयों को सस्पेंड कर दिया है
जबकि 7 पर्यवेक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई का आदेश दिया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी के तत्कालीन रजिस्ट्रार को निलंबित करने के
निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचंद कुशवाहा को भी
निलंबित कर दिया है। वहीं एससईआरटी के 7 अधिकारियों पर अनुशासनात्मक
कार्रवाई होगी।
बता दें कि हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बास सीएम ने शुक्रवार को सहायक
शिक्षक भर्ती की समीक्षा की। इसमें मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग के अपर
मुख्य सचिव के अलावा जांच कमेटी के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी भी शामिल
हुए। इस दौरान ये भी तय किया गया कि सभी अभ्यर्थियों को दोबारा अपनी कॉपी
का पुनर्मूल्यांकन का मौका मिलेगा। इसके लिए अभियर्थी 11 से 20 अक्टूबर के
बीच आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कोई फीस देनी नहीं होगी। साथ ही जिन 53
फेल अभियर्थियों को नौकरी मिल गयी थी वह अगर पुनर्मूल्यांकन में फेल होते
हैं तो उनकी नौकरी जाएगी।
बता दें कि् सहायक शिक्षक भर्ती का मामला हाईकोर्ट में है। कोर्ट ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तीन दिन के भीतर दोषी अधिकारियों पर उचित
कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। वहीं, जांच कमेटी के अध्यक्ष संजय आर
भूरसेड्डी की अगुवाई में सभी आंसर शीट का फिर से मूल्यांकन किया जा रहा
है। बीते दिनों हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक के 68,500 पदों
पर भर्ती मामले में पुनः नई गड़बड़ियां सामने आने के बाद सख्त रुख अपनाते
हुए, पूरे मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर ऐतराज जताया है।
कोर्ट ने चीफ सेक्रेटी को आदेश दिया था कि तीन दिन के भीतर सीएम योगी
आदित्यनाथ को पूरे मामले से अवगत करवाया जाए ताकि मामले में उचित कार्यवाही
की जा सके।