प्रश्न पत्र लीक होने की स्थिति में तय समय पर परीक्षा कराने के लिए वैकल्पिक प्रश्न पत्र पहले से ही तैयार कराने की भी योजना है।
- वैकल्पिक प्रश्न पत्र की भी रहेगी व्यवस्था, ऑन लाइन पर जोर
- प्रतियोगी परीक्षाओं में शुचिता की पहल के तहत हुआ मशविरा
- सीसीटीवी कैमरे और पर्याप्त सुविधा वाले स्कूलों को ही केंद्र बनाने में मिलेगी प्राथमिकता
प्रतियोगी परीक्षाओं की गड़बड़ी दूर करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है। गुरुवार को इस कमेटी की बैठक में परीक्षा की बेहतरी के लिए विमर्श हुआ। इस समिति में सभी आयोगों और बोर्ड के सचिवों को शामिल किया गया है। इस समिति ने परीक्षा केंद्र के लिए गाइड लाइन पर विमर्श किया। आधारभूत ढांचा, गेट, बाउंड्री, लाइट, सीसीटीवी कैमरे और विद्युत आपूर्ति की पर्याप्त सुविधा वाले स्कूलों को ही केंद्र बनाने को प्राथमिकता मिलेगी। अव्वल तो राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाएंगे जबकि अनुदानित विद्यालयों को द्वितीय वरीयता मिलेगी। तीसरे नंबर पर निजी विद्यालयों का चयन होगा। 1समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभ्यर्थी को परीक्षा के लिए बहुत दूर न जाना पड़े, लेकिन सहमति मंडल के बाहर के केंद्र पर ही भेजने पर बनी। अमूमन कोचिंग सेंटर समूहों में प्रतियोगी परीक्षा के फार्म भरवाते हैं। इनमें कई ऐसे भी लोग हैं जिनका मकसद नौकरी पाना नहीं बल्कि दूसरों की मदद करना होता है। यह सतर्कता बरतने पर जोर दिया गया कि समूहों में अभ्यर्थियों को एक केंद्र पर परीक्षा देने का मौका न मिले। 1प्रश्न पत्र की छपाई को लेकर भी विशेष सावधानी बरती जाएगी। समिति का मानना है कि प्रिंटिंग प्रेस का नाम भले न उजागर हो लेकिन, जिस प्रेस की भूमिका किसी भी परीक्षा में संदिग्ध हो, उसके बारे में सभी आयोगों को बता दिया जाए। यह जानकारी साझा करने के साथ ही इस बात पर भी जोर रहे कि प्रश्नपत्र प्रदेश के बाहर के किसी प्रिंटिंग प्रेस से छपे। यह भी देख लिया जाए कि आधारभूत ढांचा प्रेस का है या नहीं। अगर वह ठेका लेकर किसी दूसरे प्रेस को छपाई देता है तो इससे खतरा बना रहेगा। विशेषज्ञों के चयन में भी पारदर्शिता बरतने और सभी बिन्दुओं पर विमर्श के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजने का फैसला हुआ।