शिक्षा विभागः जो नौकरी में हैं वह भी परेशान, जो बाहर हैं वह भी

सूबे में शिक्षा महकमे को सुर्खियों में रहने की आदत सी हो गई है लेकिन इससे जुड़े लोगों को परेशान रहने की. शिक्षा विभाग में जो नौकरी कर रहे हैं वह भी परेशान हैं, बैकलॉग वाले अभ्यर्थी भी पेरशान और जो नई नियुक्ति की आस में है वह भी परेशान हैं.
यानि शिक्षा महकमा फिलहाल आंदोलन, अनशन और धरने का मुख्य केन्द्र है.

गुरुवार को शिक्षामंत्री के आवास के बाहर और शिक्षा निदेशालय में बैकलॉग के पदों को भरे जाने की मांग कर रहे शिक्षक धरने पर बैठ गए. राज्य में गेस्ट टीचर्स, शिक्षामित्र, एलटी के पदों पर नियुक्ति की आस लगाए अभ्यर्थी सभी शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज़ हैं. यानि जो नौकरी की लाइन में हैं और जिनकी लग गई है सभी परेशान हैं.

बैकलॉग के 541 पदों को भरने को लेकर तो नैनीताल हाइकोर्ट की तरफ से भी दो बार निर्देश दिए जा चुके हैं. यहां तक की कोर्ट की अवमानना का मामला भी सामने आ गया है. एलटी के पदों के भरे जाने के मामले में तो हद ही हो गई और 31 मई को आए नतीजों के बाद भी 1214 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है.

उत्तराखण्ड में कई माध्यमिक स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं लेकिन उसके बावजूद शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल रही है और देश का भविष्य सवांरने वाले शिक्षक पढ़ाने के बजाय हंगामा और आंदोलन करने को मजबूर हैं. यह प्रदेश के शिक्षा महकमे की लचर व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.