कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई और आइसीएसई ने 10वीं और 12वीं की जुलाई में प्रस्तावित परीक्षाओं को रद कर दिया है। दोनों ही बोर्ड ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी। साथ ही बताया कि आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। हालांकि इस बीच सीबीएसई ने 12वीं के छात्रों को स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा का भी विकल्प देने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत वे अपने अंकों में सुधार कर सकेंगे। लेकिन अभी सभी को आंतरिक आंकलन के आधार पर ही प्रमोट किया जाएगा। 10वीं के छात्रों के लिए परीक्षा का विकल्प नहीं रहेगा। वैसे भी 10वीं की परीक्षाएं सिर्फ दिल्ली के ही कुछ ही क्षेत्रों में बाकी थीं।
वहीं आइसीएसई ने कोर्ट को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही 10वीं और 12वीं के छात्रों को प्रमोट करने की जानकारी दी। आइसीएसई बाद में परीक्षा का विकल्प नहीं देगा। बोर्ड ने यह साफ किया कि आंतरिक मूल्यांकन को लेकर सीबीएसई के मानकों का पालन किया जाएगा। बोर्ड ने बताया कि इस फैसले की जानकारी वह पहले बांबे हाईकोर्ट को दे चुका है।
इस बीच परीक्षाओं से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र सरकार और सीबीएसई से कई मामले को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। इसमें 12वीं के छात्रों के लिए प्रस्तावित परीक्षा के विकल्प और आंतरिक मूल्यांकन के फॉमरूले जैसी जानकारियां शामिल हैं।
कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र और सीबीएसई को शुक्रवार तक एक नया नोटिफिकेशन जारी करने को भी कहा है। साथ ही मामले पर सुनवाई को शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे तक के लिए टाल दिया है। माना जा रहा है कि नोटिफिकेशन देखने के बाद ही कोर्ट इस पर अंतिम फैसला देगा।
कोरोना के कारण टली थीं परीक्षाएं
10वीं और 12वीं की जिन परीक्षाओं को रद करने की जानकारी दी गई है, वे पहली से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित थीं। इन परीक्षाओं को मार्च में ही हो जाना था, लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उस समय इन्हें स्थगित करते हुए जुलाई में कराने का फैसला लिया गया था। वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने पहले ही परीक्षाएं कराने में असमर्थता जताई है। मौजूदा स्थिति में परीक्षाएं कराने में खतरा है। ऐसे में परीक्षाओं को रद करने का फैसला लिया गया है।
’>>आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा प्रमोट
’>>12वीं के छात्रों को बाद में परीक्षा का भी विकल्प मिलेगा
राज्यों के बोर्ड पर भी सवाल
कोर्ट ने इस दौरान विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्ड को लेकर भी सवाल-जवाब किया। साथ ही पूछा कि इन बोर्ड में पढ़ने वाले बच्चों की कौन सुध लेगा? इस पर केंद्र ने कहा कि वह इस मामले को देख रही है और राज्यों से संपर्क में है।
प्री-बोर्ड व आंतरिक परीक्षा के आधार पर तय होंगे अंक
सीबीएसई ने रद की गई परीक्षाओं के मूल्यांकन का जो आधार तय किया है, उसमें दोनों प्री बोर्ड और एक आंतरिक परीक्षा को शामिल किया जाएगा। प्रस्तावित फॉमरूले के तहत इन तीनों परीक्षाओं के औसत के आधार पर अंकों का निर्धारण किया जाएगा। यह फॉमरूला सिर्फ उन्हीं विषयों पर लागू होगा, जिनकी परीक्षाएं रद की गई हैं।
वहीं आइसीएसई ने कोर्ट को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही 10वीं और 12वीं के छात्रों को प्रमोट करने की जानकारी दी। आइसीएसई बाद में परीक्षा का विकल्प नहीं देगा। बोर्ड ने यह साफ किया कि आंतरिक मूल्यांकन को लेकर सीबीएसई के मानकों का पालन किया जाएगा। बोर्ड ने बताया कि इस फैसले की जानकारी वह पहले बांबे हाईकोर्ट को दे चुका है।
इस बीच परीक्षाओं से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र सरकार और सीबीएसई से कई मामले को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। इसमें 12वीं के छात्रों के लिए प्रस्तावित परीक्षा के विकल्प और आंतरिक मूल्यांकन के फॉमरूले जैसी जानकारियां शामिल हैं।
कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र और सीबीएसई को शुक्रवार तक एक नया नोटिफिकेशन जारी करने को भी कहा है। साथ ही मामले पर सुनवाई को शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे तक के लिए टाल दिया है। माना जा रहा है कि नोटिफिकेशन देखने के बाद ही कोर्ट इस पर अंतिम फैसला देगा।
कोरोना के कारण टली थीं परीक्षाएं
10वीं और 12वीं की जिन परीक्षाओं को रद करने की जानकारी दी गई है, वे पहली से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित थीं। इन परीक्षाओं को मार्च में ही हो जाना था, लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उस समय इन्हें स्थगित करते हुए जुलाई में कराने का फैसला लिया गया था। वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने पहले ही परीक्षाएं कराने में असमर्थता जताई है। मौजूदा स्थिति में परीक्षाएं कराने में खतरा है। ऐसे में परीक्षाओं को रद करने का फैसला लिया गया है।
’>>आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा प्रमोट
’>>12वीं के छात्रों को बाद में परीक्षा का भी विकल्प मिलेगा
राज्यों के बोर्ड पर भी सवाल
कोर्ट ने इस दौरान विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्ड को लेकर भी सवाल-जवाब किया। साथ ही पूछा कि इन बोर्ड में पढ़ने वाले बच्चों की कौन सुध लेगा? इस पर केंद्र ने कहा कि वह इस मामले को देख रही है और राज्यों से संपर्क में है।
प्री-बोर्ड व आंतरिक परीक्षा के आधार पर तय होंगे अंक
सीबीएसई ने रद की गई परीक्षाओं के मूल्यांकन का जो आधार तय किया है, उसमें दोनों प्री बोर्ड और एक आंतरिक परीक्षा को शामिल किया जाएगा। प्रस्तावित फॉमरूले के तहत इन तीनों परीक्षाओं के औसत के आधार पर अंकों का निर्धारण किया जाएगा। यह फॉमरूला सिर्फ उन्हीं विषयों पर लागू होगा, जिनकी परीक्षाएं रद की गई हैं।