स्कूल-कॉलेज कब से खुल सकते तय करे शासन व डॉक्टर!

प्रयागराज : नए शैक्षिक सत्र में स्कूल-कालेज पहली अप्रैल से नहीं खुल सके। अब पहली जुलाई भी आ गई है लेकिन, कालेजों में पढ़ाई कराने पर असमंजस बना है। वजह, कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग कालेजों को खोलने पर विशेषज्ञों व अहम संस्थाओं से राय ले रहा है, ताकि उसी के अनुरूप निर्णय लिया जा सके। यूपी बोर्ड ने कालेज खोलने की तारीख तय करने की जगह सुझाव दिया है कि इसे शासन व डॉक्टर ही निर्धारित करें, क्योंकि इस संकट से निजात कब तक मिल सकती है वह बेहतर समझते हैं।



बोर्ड ने शासन को भेजे पत्र में कहा है कि संक्रमण के दौरान यदि कालेज खोलें जाते हैं तो प्रवेश परीक्षा आदि किसी दशा में न कराई जाए। साथ ही कालेजों में स्टॉफ और छात्र-छात्रओं को कम संख्या में बुलाया जाए। कक्षाओं व खेल के मैदान आदि पर भी शारीरिक दूरी का कड़ाई से अनुपालन हो। जहां तक संभव हो ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई जा सकती है। कालेज खोलने से उन्हें हर दिन सैनिटाइज किया जाए और स्टॉफ व छात्र-छात्रएं मास्क लगाकर आएं उनकी नियमित थर्मल स्कैनिंग भी कराई जाए। जिस स्टॉफ व छात्र-छात्रओं में कोरोना के लक्षण हों उन्हें कालेज न आने दिया जाए। ऐसे ही कई अन्य सुझाव भेजे गए हैं, अब शासन अन्य सुझावों पर बैठक करके कालेज खोलने पर निर्णय लेगा।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों को एक जुलाई से खोलने के आदेश हुए हैं, हालांकि वहां पर सिर्फ शिक्षकों को ही पहुंचने के आदेश हैं, छात्र-छात्रओं को अभी बुलाया नहीं गया है। जिस तरह संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसमें कालेज संचालित करने की संभावना बहुत कम हैं। यदि स्कूल-कालेज खोले भी जाते हैं तो वहां का नजारा इस बार बिल्कुल अलग होगा।