*भर्ती रद्द करने की प्रेयर की अफवाह सन्दर्भित व्याख्या: टीम रिज़वान अंसारी*
विपक्ष लगातार इस विषय पर मनगढ़ंत और पूर्णतया फ़र्ज़ी अफवाह फैलाने में लगा है कि रिजवान अंसारी ने अपनी याचिका/रिप्लाई में भर्ती को रद्द करने की बात कही है साथ ही साथ भर्ती को रद्द करने की प्रेयर भी की है। इससे हमारे कुछ शिक्षामित्र साथियों में भृम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लिहाजा इसका पर्दाफाश करना आवश्यक हो गया है।
*भर्ती रद्द करने की प्रेयर न तो सूबेदार सिंह की याचिका की प्रेयर में शामिल है न ही हमारे रिप्लाई ऑफ मॉडिफिकेशन में शामिल है।* रिप्लाई ऑफ मॉडिफिकेशन में वर्तमान में प्रिंट मीडिया और प्रशासनिक कार्यवाहियों का जिक्र इसलिए किया गया है कि हम कोर्ट के संज्ञान में ये लाना चाहते हैं कि भर्ती करने की जल्दबाजी बिल्कुल न की जाए *(विपक्ष भर्ती को जल्दी करवाने के लिए ही 09 जून के आदेश में संसोधन करवाने हेतु मॉडिफिकेशन दायर किये थे।)* क्योंकि कुछ जांच प्रक्रियाएं लंबित हैं जिनका प्रत्युत्तर भी 14 जुलाई तक स्पष्ट हो जाएगा। 14 जुलाई के बाद मा० न्यायालय हम सभी 40/45 और 60/65 शिक्षामित्रों को सम्मिलित करते हुए भर्ती को सम्पन्न करे। यदि किसी जाँच में कोई तथ्य सामने आता है तो जाहिर है भर्ती पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ऐसा हम कतई नही चाहते क्योंकि हम नही चाहते कि शिक्षामित्रों को फिर से गिनती शुरू करनी पड़ जाए। *टीम ने अपनी किसी भी याचिका में न तो भर्ती रद्द करने की प्रेयर की और न ही किसी जांच हेतु जांच एजेंसी की मांग की।* यदि टीम का उद्देश्य भर्ती रद्द कराना होता तो उपरोक्त दोनों बिंदुओं को हम अपनी याचिका में उल्लेखित करवाते।
अब कुछ साथियों की शंका है कि टीम ने रिप्लाई ऑफ मॉडिफिकेशन में फर्जीवाड़े के साक्ष्य और सुबूत क्यों संलग्न किये? इसका भी तर्क बताते चलें कि ऐसा ही फर्जीवाड़े का मामला TET-2011 में भी आया था। जिसको मा०सुप्रीम कोर्ट की मा० जस्टिस ललित साहब की ही बेंच ने याचिका- *State Of U.P. vs Shiv Kumar Pathak (2018) 12 SCC 595* में अपना view दिया था। इस धांधली के परिप्रेक्ष में मा०जस्टिस ललित साहब ने परीक्षा न रद्द करने की बात कहकर कटऑफ को न्यूनतम पर लाने की बात कही थी। इसका जिक्र हमारे रिप्लाई ऑफ मॉडिफिकेशन के पेज नम्बर-14, पैरा (HH) में आप देख सकते हैं।
हमारा फर्जीवाड़ा दिखाने का एक अन्य उद्देश्य यह भी था कि जिस परीक्षा में कोई संदिग्धता की स्थिति होती है वहाँ पर कटऑफ/पासिंग को न्यूनतम पर लाने का कार्य इसी कोर्ट ने किया था। इसके अलावा कई ऐसे SC के जजमेंट हैं जो हमारी इस न्यूनतम की बात को प्रिफर देते है। ऐसी स्थिति में हमारे 40/45 व 60/65 शिक्षामित्र साथियों के साथ-साथ उन शिक्षामित्र साथियों का हित भी सुरक्षित हो रहा है जो न्यूनतम 30/33 के दायरे में आ रहे हैं। 14 जुलाई को न तो मोडिकेशन पर सुनवाई होगी न ही रिप्लाई ऑफ मोडिफिकेशन पर। अब सिर्फ मुख्य याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी। अब कोई भी चाह ले तब भी ये भर्ती रद्द नही होगी।
विपक्ष के कुछ अनर्गल प्रलापों के प्रभाव में हमारे कुछ 60/65 पर उत्तीर्ण साथियों ने SC में अपनी IA और याचिका डालने पर विचार बना बैठे हैं।अपना अधिकार पाने हेतु न्यायालय जाना सभी का मौलिक अधिकार है। ऐसा करने में कोई किसी को कोई नही रोक सकता है। 60/65 उत्तीर्ण शिक्षामित्रों का चयन तो 60/65 पर तो सुनिश्चित है ही साथ ही साथ 40/45 पर भी सुनिश्चित है। इसलिए विपक्ष द्वारा प्रसारित उपरोक्त भृम में न रहें और अपने 40/45 उत्तीर्ण साथी के साथ नियुक्त होकर इस विजय के रास्ते को और भी शानदार बनाएं। ताकि 40/45 उत्तीर्ण कोई भी शिक्षामित्र साथी 60/65 के साथी को स्वार्थी न कहे ।
*टीम सभी शिक्षामित्रों की जीत चाहती है। मा०कोर्ट ने सिर्फ 37339 सीटों को होल्ड किया है। शेष बची सीटों पर सरकार अब भी भर्ती करने को स्वंत्रत है।* हमारा प्रयास है कि 14 जुलाई को 40/45 पर मा०न्यायालय अपना तर्कसंगत आदेश जारी करे और भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाए।
*😊स्वस्थ रहें,मस्त रहें*
💥आपके संघर्ष की साथी🤺
*®टीम रिज़वान अंसारी।।*