प्रयागराज : एक वह दौर था जब यूपी बोर्ड की परीक्षा में चहुंओर सिर्फ नकल की चर्चा होती रही। अपनों को परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए मनमाफिक केंद्र निर्धारण जरूरी था इसलिए सारा जुगाड़ इसी में लगता था। इन दोनों पर कठोर प्रहार करके सूबे में शिक्षा माफियाओं की मानों कमर ही तोड़ दी गई। बीच-बीच में छिटपुट जिलों में पुरानी स्थिति बहाल करने की जुर्रत दिखाने वालों का एसटीएफ व पुलिस ने शिकार किया।
हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कराने की रूपरेखा सचिव नीना श्रीवास्तव व अन्य अफसरों ने तय की, उनके प्रस्तावों पर शासन ने मुहर लगाई। योगी सरकार के सत्ता में आने के तीसरे माह 23 जून 2017 को नीना श्रीवास्तव को यूपी बोर्ड सचिव की जिम्मेदारी मिली। उस समय 2018 परीक्षा की तैयारियां शुरू हो रही थीं। उन्होंने सबसे पहले परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में बदलाव किया। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया से केंद्र तय किए गए, विद्यालयों के मध्य दूरी के निर्धारण के लिए मोबाइल एप का प्रयोग हुआ। नकलविहीन परीक्षाओं के लिए केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। अगले वर्ष वायस रिकॉर्डर लगे और इस बार वेब कॉस्टिंग से केंद्रों की निगरानी हुई। नीना के कार्यकाल में परीक्षा ही नहीं पाठ्यक्रम में भी बदलाव हुआ। बोर्ड में पहली बार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हुआ और 2019 में इंटर में मात्र एक प्रश्नपत्र की परीक्षा कराई गई। व्यवस्था में बदलाव के लिए कई प्रस्ताव बोर्ड से भेजे गए और शासन ने भी समय-समय पर नए निर्देश कम समय में लागू कराए। सचिव नीना 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रही थीं लेकिन, 2020 का परीक्षा परिणाम लंबित था इसलिए शासन ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया। अब वे मंगलवार को प्रभारी सचिव दिव्यकांत शुक्ल को कार्य हस्तांतरण करेंगी।
’>> तीन साल में परीक्षा और पाठ्यक्रम का बदल गया स्वरूप
’>> आज सचिव नीना श्रीवास्तव का प्रभारी सचिव को कार्य हस्तांतरण
ये कार्य भी उल्लेखनीय
’मूल्यांकन केंद्रों पर नियुक्त परीक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी’ 2018 में 50 जिलों व 2019 में पूरे प्रदेश में परीक्षा क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाओं पर’नए कालेजों को मान्यता देने के लिए ऑनलाइन आवेदन’2018 में नया पाठ्यक्रम लागू हुआ और 2019 की परीक्षा उसी पर’बोर्ड का पांचवां क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के रूप में शुरू’लिखित व प्रायोगिक परीक्षा के परीक्षकों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र’सुबह की पाली में परीक्षा का समय 7.30 से बढ़ाकर आठ बजे’राजकीय कालेजों को ही अग्रसारण का केंद्र बनाया गया’2019 में इंटर में पहली बार एक प्रश्नपत्र से परीक्षा।
हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कराने की रूपरेखा सचिव नीना श्रीवास्तव व अन्य अफसरों ने तय की, उनके प्रस्तावों पर शासन ने मुहर लगाई। योगी सरकार के सत्ता में आने के तीसरे माह 23 जून 2017 को नीना श्रीवास्तव को यूपी बोर्ड सचिव की जिम्मेदारी मिली। उस समय 2018 परीक्षा की तैयारियां शुरू हो रही थीं। उन्होंने सबसे पहले परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में बदलाव किया। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया से केंद्र तय किए गए, विद्यालयों के मध्य दूरी के निर्धारण के लिए मोबाइल एप का प्रयोग हुआ। नकलविहीन परीक्षाओं के लिए केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। अगले वर्ष वायस रिकॉर्डर लगे और इस बार वेब कॉस्टिंग से केंद्रों की निगरानी हुई। नीना के कार्यकाल में परीक्षा ही नहीं पाठ्यक्रम में भी बदलाव हुआ। बोर्ड में पहली बार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हुआ और 2019 में इंटर में मात्र एक प्रश्नपत्र की परीक्षा कराई गई। व्यवस्था में बदलाव के लिए कई प्रस्ताव बोर्ड से भेजे गए और शासन ने भी समय-समय पर नए निर्देश कम समय में लागू कराए। सचिव नीना 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रही थीं लेकिन, 2020 का परीक्षा परिणाम लंबित था इसलिए शासन ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया। अब वे मंगलवार को प्रभारी सचिव दिव्यकांत शुक्ल को कार्य हस्तांतरण करेंगी।
’>> तीन साल में परीक्षा और पाठ्यक्रम का बदल गया स्वरूप
’>> आज सचिव नीना श्रीवास्तव का प्रभारी सचिव को कार्य हस्तांतरण
ये कार्य भी उल्लेखनीय
’मूल्यांकन केंद्रों पर नियुक्त परीक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी’ 2018 में 50 जिलों व 2019 में पूरे प्रदेश में परीक्षा क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाओं पर’नए कालेजों को मान्यता देने के लिए ऑनलाइन आवेदन’2018 में नया पाठ्यक्रम लागू हुआ और 2019 की परीक्षा उसी पर’बोर्ड का पांचवां क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के रूप में शुरू’लिखित व प्रायोगिक परीक्षा के परीक्षकों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र’सुबह की पाली में परीक्षा का समय 7.30 से बढ़ाकर आठ बजे’राजकीय कालेजों को ही अग्रसारण का केंद्र बनाया गया’2019 में इंटर में पहली बार एक प्रश्नपत्र से परीक्षा।