प्रयागराज। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान के
लंबित परिणाम को लेकर असमंजस की स्थिति बढ़ती जा रही है। इन दोनों विषयों
के पेपर लीक मामले की जांच अटकी हुई है और एसटीएफ ने अब तक चार्जशीट दाखिल
नहीं की है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) इन दो विषयों का
रिजल्ट जारी करेगा या परीक्षा को ही निरस्त कर देगा, इस पर आयोग ने स्थिति
स्पष्ट नहीं की है। वहीं, अभ्यर्थियों की ओर से लिखित रूप से जानकारी मांगे
जाने के बाद भी आयोग ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया है।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 31 जुलाई 2018 को आयोजित की गई थी। इसके तहत 15 विषयों में शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती होनी है। पेपर लीक मामले में दो सबसे प्रमुख विषयों हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट फंस गया, जबकि अन्य 13 विषयों का अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया गया। इन विषयों में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। साथ ही जो अभ्यर्थी आयोग में अपने अभिलेखों का सत्यापन नहीं करा पाए थे, उन्हें एक अन्य मौका ेप्रदान किया गया है। लेकिन, आयोग ने हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के लंबित परिणाम पर कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों के बीच असमंजस बढ़ता जा रहा है। प्रतियोगी छात्रों को आशंका है कि 13 विषयों के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट को लेकर स्थिति और खराब हो जाएगी।
आयोग ने आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले के कारण ही निरस्त कर दी थी और अब परीक्षा दोबारा कराई जानी है। ऐसे में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को चिंता सता रही है कि कहीं हिंदी और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा को भी निरस्त न कर दिया जाए। अभ्यर्थियों ने इन दोनों विषयों के रिजल्ट के लिए पूरा जोर लगा रखा है। हिंदी में एलटी ग्रेड शिक्षक के 1433 और सामाजिक विज्ञान में 1854 पद हैं। अभ्यर्थियों ने आयोग से भी लिखित रूप से जानकारी मांगी है कि किन कारणों से परिणाम जारी नहीं किया जा रहा है। हालांकि अभ्यर्थियों को दो हफ्ते बाद भी अभ्यर्थियों को कोई जवाब नहीं मिल सका है।
उधर, अभ्यर्थियों को पेपर लीक मामले में एसटीएफ की ओर से चार्जशीट दाखिल
किए जाने का भी इंतजार है, ताकि रिजल्ट के लिए आयोग पर दबाव बनाया जा सके।
एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान और प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय का
कहना है कि एक लाख से अधिक अभ्यर्थी हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय की
परीक्षा में शामिल हुए थे। आयोग उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकता। उसे
रिजल्ट जारी करना होगा। चार्जशीट के मसले पर वाराणसी के एसएसपी से वार्ता
करने के लिए 10 जुलाई तक एक प्रतिनिधिमंडल वाराणसी जाएगा।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 31 जुलाई 2018 को आयोजित की गई थी। इसके तहत 15 विषयों में शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती होनी है। पेपर लीक मामले में दो सबसे प्रमुख विषयों हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट फंस गया, जबकि अन्य 13 विषयों का अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया गया। इन विषयों में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। साथ ही जो अभ्यर्थी आयोग में अपने अभिलेखों का सत्यापन नहीं करा पाए थे, उन्हें एक अन्य मौका ेप्रदान किया गया है। लेकिन, आयोग ने हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के लंबित परिणाम पर कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों के बीच असमंजस बढ़ता जा रहा है। प्रतियोगी छात्रों को आशंका है कि 13 विषयों के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट को लेकर स्थिति और खराब हो जाएगी।
आयोग ने आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले के कारण ही निरस्त कर दी थी और अब परीक्षा दोबारा कराई जानी है। ऐसे में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को चिंता सता रही है कि कहीं हिंदी और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा को भी निरस्त न कर दिया जाए। अभ्यर्थियों ने इन दोनों विषयों के रिजल्ट के लिए पूरा जोर लगा रखा है। हिंदी में एलटी ग्रेड शिक्षक के 1433 और सामाजिक विज्ञान में 1854 पद हैं। अभ्यर्थियों ने आयोग से भी लिखित रूप से जानकारी मांगी है कि किन कारणों से परिणाम जारी नहीं किया जा रहा है। हालांकि अभ्यर्थियों को दो हफ्ते बाद भी अभ्यर्थियों को कोई जवाब नहीं मिल सका है।