69 हजार शिक्षक भर्ती: एसटीएफ की जांच पर सवाल, अभी तक नतीजा रहा शून्य

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने के लिए यूपी सरकार ने टीम को खास जिम्मेदारी दी है। यूपी सरकार ने एसटीएफ (UP Special Task Force) को इसका खुलासा करने के लिए अब अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इस भर्ती में फर्जीवाड़ा की जांच कर रही एसटीएफ (UP Special Task Force) को एक महीने के बाद भी कुछ खास जानकारी नहीं मिली है।
एसटीएफ इस मामले में लगातार खोजबीन कर रही है, लेकिन नतीजा अभी शून्य ही है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने वाली प्रयागराज पुलिस जिस जगह पर यह जांच छोड़कर हटी है, जांच प्रक्रिया अभी तक वहीं पर रुकी हुई है।
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अभी तक आगे कोई भी खुलासा नहीं हुआ है। पहले इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में तीन-तीन आईपीएस जांच कर रहे थे, वहीं अब महज एएसपी स्तर के ही अधिकारी जांच कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन तीनों ही आईपीएस (IPS) अफसरों ने ही इस भर्ती में अहम खुलासा किया। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अगर ये तीनों अफसर न लगते, तो शायद शिक्षक भर्ती का अहम खुलासा भी न हो पाता। तीनों ही अधिकारियों ने बेहतर रणनीति अपनाकर इस भर्ती में अहम खुलासे किए हैं। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का खुलासा प्रयागराज में रहे तीन आईपीएस (IPS) सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज,अशोक वेंकटेश और अनिल यादव की तिकड़ी ने किया। इन लोगों ने बेहतर रणनीति बनाकर ही काम किया, जिसकी वजह से डीजे (DJ) बजाने वाले और गाड़ी चलाने वाले टॉपर्स का खुलासा हो सका।

शिकायत के बाद शुरू किया एक्शन

69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में धांधली की खबर लगातार आ रही थी, लेकिन पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर सकती थी। आखिरकार जब पुलिस के पास प्रतापगढ़ के लालगंज क्षेत्र के राहुल सिंह शिकायत करने के लिए पहुंचें तो मामले की तहकीकात शुरू हुई और पुलिस ने एक बहुत बड़े सरगना को पकड़ लिया। ऐसा कहा जाता है कि प्रयागराज के तीनों ही आईपीएस ने अलग-अलग तरह से राज खोलने के लिए कमान संभाली। सभी ने सर्विलांस के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया।

ऐसा कहा जाता है कि इन लोगों ने खुलासा करने के लिए सीबीआई (CBI) की स्टाइल में काम किया। सबसे पहले आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की और अन्य जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर केएल पटेल और लेखपाल संतोष बिंद को गिरफ्तार किया। प्रयागराज पुलिस ने इतनी से से कार्रवाई की कि किसी को बिना शक हुए सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। अब मामले की जांच एसटीएफ (UP Special Task Force) कर रही है और अभी तक कोई भी नहीं पकड़ा गया है न तो स्कूल प्रबंधक, न सॉल्वर और न ही दलालों को पकड़ा गया है।

पुलिस इस तरह से किया खुलासा

इस मामले (69000 Assistant Teachers) में 4 जून को प्रतापगढ़ के राहुल सिंह ने प्रयागराज के सोरांव थाने में तहरीर दी और उन्होंने एसएसपी से संपर्क साधा। एसएसपी (SSP) ने इस मामले को गंभीरता से लिया और शुरुआत से ही कार्रवाई बहुत तेजी से हुई। इसकी वजह से तिकड़ी टीम ने एक कार से जा रहे 6 संदिग्धों को 7.5 लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया। इसमें डॉ. कृष्ण लाल पटेल (K.L. Patel), स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को भी कस्‍टडी में लेकर पूछताछ की गई । इन लोगों के पास से बाद में पुलिस ने 22 लाख से अधिक का कैश भी बरामद किया।

एसएसपी पंकज ने इस मामले में शिक्षा जगत की बुनियाद में सेंध लगाकर ईमानदार, परिश्रमी अभ्यर्थियों का हक मारने वाले माफियाओं का तंत्र ध्वस्त करने के लिए एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया। पुलिस के एक साथ तीन-तीन आईपीएस (IPS) को लगाए जाने के वजह से ही कुछ ही घंटे के अंदर में ही परिणाम आने शुरू हो गए। पुलिस ने जल्द ही सरगना डॉक्टर केएल पटेल को गिरफ्तार करके खुलासा किया और परीक्षा में 142 नंबर पाने वाले टॉपर्स धर्मेद्र पटेल और विनोद कुमार की गिरफ्तारी भी कर ली।

 एसटीएफ की पकड़ से दूर मायापति और चंद्रमा यादव

भर्ती (69000 Assistant Teachers) मामले की जांच का रही एसटीएफ (UP Special Task Force) अभी तक मास्टरमाइंड को ही गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस गैंग में शामिल मायापति दुबे (Mayapti Dube) और चंद्रमा यादव अभी एसटीएफ (UP Special Task Force) की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस सिर्फ मायापति ही नहीं बल्कि इसमें शामिल उसका भाई और प्रधान श्रवण दुबे भी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है।

ऐसा कहा जा रहा है कि मायापति दुबे ने इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सिर्फ एक दो नहीं बल्कि 2,300 से अधिक लोगों को नकल कराकर पास कराया है। इस समय सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल ऑडियो में उसकी हकीकत को बताया जा रहा है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक पुलिस को कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। यह लोग कहां छिपे हुए हैं, इसका अभी तक पुलिस को कोई सुराग भी नहीं लगा है।