लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में आवेदन पत्र, शैक्षिक दस्तावेज, जाति व निवास प्रमाण पत्र में मानवीय त्रुटि के कारण जो अभ्यर्थी पहली और दूसरी काउंसिलिंग से
वंचित रह गए थे, उन्हें इन गलतियों को सुधारने का मौका दिया जाएगा। अभिलेखीय विसंगति को दूर करने के बारे में कार्यवाही करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। अभिलेख में विसंगति के कारण पहले दो चरणों की काउंसिलिंग से वंचित रह गए ऐसे अभ्यर्थियों के लिए निर्देशानुसार कार्यवाही करते हुए नौ, 10 और 11 दिसंबर को काउंसिलिंग करायी जाएगी। इसमें उपयुक्त पाए गए अभ्यर्थियों को 12 दिसंबर को नियुक्ति प्रदान किये जाएंगे। इस काउंसिलिंग में वे अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे जो किन्हीं कारणों से पहली और दूसरे चरण की काउंसिलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए थे।यह भी हुए फैसले
- ’28 मई, 2020 तक जारी किए गए निवास व जाति प्रमाण पत्र ही स्वीकार किए जाएंगे।
- ’सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का बेस्ट पांच विषयों के अंकों के आधार पर औसत तय किया जाएगा।
- ’काउंसिलिंग के समय पता बदलने की अनुमति देते हुए कार्यवाही होगी।
- ’संदिग्ध दिव्यांग प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थियों की जांच एक माह के अंदर जिला चिकित्सा बोर्ड से कराने के बाद प्रमाणपत्र सही पाए जाने पर ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा।
- ’एक वर्ष में दो डिग्री होने के मामलों में केस टू केस आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
- ’सीजीपीए के आधार पर गुणांक गणना के मामलों में संबंधित बोर्ड/विश्वविद्यालय की गाइडलाइन व फामरूले का पालन किया जाएगा।
- ’टीईटी के अंकों में भिन्नता होने पर वर्ष 2017 व 2018 के अंकपत्रों में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में किए गए संशोधन के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
इन्हें मिलेगा मौका
- ’अभ्यर्थी ने अपना या माता, पिता/पति का नाम अंकित करने में वर्तनी की गलती की है तो उसे छह महीने के अंदर अभिलेखों में संशोधन करा कर उन्हें बीएसए कार्यालय में जमा करना होगा।
- ’आवेदन और मूल दस्तावेजों में माता की जगह पिता और पिता के स्थान पर माता का नाम अंकित।
- ’यदि अभ्यर्थी ने मूल अंकपत्र के सापेक्ष प्राप्तांक कम या पूर्णाक ज्यादा भरा है तो उससे शपथपत्र लिया जाएगा कि वह मेरिट परिवर्तन की मांग नहीं करेगा।
- ’अन्य विभाग में कार्यरत चयनित अभ्यर्थियों को मूल विभाग से कार्यमुक्त होकर कार्यभार ग्रहण करने के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा।
- ’प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने पर तीन माह में मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने का समय दिया जाएगा।
- ’स्नातक या अन्य शैक्षिक अभिलेख में संस्थागत या व्यक्तिगत अंकित नहीं है या दोनों अंकित हैं तो इसकी पुष्टि संबंधित संस्था से कराई जाएगी।
इनका चयन होगा निरस्त
- ’मूल अंकपत्र/प्रमाणपत्र में अभ्यर्थी या उसके माता, पिता/पति का नाम गलत पाए जाने पर।
- ’आवेदन पत्र में वास्तविक अंक से अधिक प्राप्तांक भरने पर।
- ’आवेदन पत्र में वास्तविक से कम पूर्णाक भरने पर।
- ’महिला अभ्यर्थी जिन्होंने पिता की बजाय पति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेकर चयन पाया है।
- ’गैर मान्यताप्राप्त संस्था से प्राप्त प्रशिक्षण प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं।
- ’शिक्षा विभाग में पहले से कार्यरत सहायक अध्यापक।
- ’पुरुष/महिला की श्रेणी गलत अंकित करने पर।
- ’विशेष आरक्षण का लाभ पाकर चयनित, लेकिन इसके पात्र नहीं या इस श्रेणी का प्रमाण पत्र न देने पर।
- ’वर्ग या श्रेणी गलत भरने पर।
- ’मूल अंकपत्र/प्रमाण पत्र गायब होने पर तीन माह में उन्हें प्रस्तुत न कर पाने पर।
- ’सीटेट के अंकों की भिन्नता होने पर।
शिक्षामित्रों के मामलों में यह हुआ निर्णय
- ’सेवारत रहते हुए संस्थागत स्नातक होने के मामलों में केस टू केस परीक्षण करते हुए निर्णय होगा।
- ’10 वर्ष से कम अनुभव के मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- ’शिक्षामित्र रहते हुए व्यक्तिगत स्नातक करने पर मिलेगा काउंसिलिंग का मौका।
- ’श्रेणी अंकित किए बिना चयनित 59 शिक्षामित्रों को मिलेगा नियुक्ति पत्र।
- ’जिन 138 शिक्षामित्रों ने श्रेणी अंकित नहीं की है, उनके बारे में महानिदेशक भेजेंगे शासन को प्रस्ताव।