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शिक्षक भर्ती घोटाला:- वीआरएस ले चुके शिक्षक भी रडार पर

 लखनऊ : फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी में जुटी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर अब बीते दिनों वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले चुके शिक्षक भी आ चुके हैं। एसटीएफ खासकर अब ऐसे शिक्षकों के बारे में भी गहनता से छानबीन कर रही है, जिन्होंने अपने गृह जनपद से दूर जिलों में तैनाती ली थी। एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग से बीते तीन वर्षो में वीआरएस ले चुके शिक्षकों का ब्योरा भी मांगा है।



एसटीएफ सूबे में दूसरे के शैक्षणिक दस्तावेजों व जाली प्रपत्रों के जरिये शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 300 से अधिक आरोपितों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। इसी कड़ी में एसटीएफ ने कई ‘अनामिकाओं’ को भी पकड़ा है, जो दूसरों के शैक्षणिक दस्तावेजों के जरिये अपना नाम-पता बदलकर नौकरी कर रही थीं। उल्लेखनीय है कि एसटीएफ ने जून 2018 में मथुरा में फर्जी दस्तावेजों के जरिये फर्जी शिक्षक भर्ती कर करोड़ों रुपये की धांधली का बड़ा मामला पकड़ा था। तब बेसिक शिक्षा विभाग के कनिष्ठ लिपिक महेश शर्मा, 13 शिक्षकों व दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है।

एसटीएफ की जांच के दौरान कई ऐसे प्रकरण सामने आ चुके हैं, जिनमें फर्जी शिक्षकों ने अपने गृह जनपद से दूर जिलों में नौकरी हासिल की थी और वे अपनी तैनाती के स्कूल में ज्यादा जाते भी नहीं थे। अब एसटीएफ ऐसे कई शिक्षकों की भी जांच कर रही है। वहीं फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसने के बाद कई शिक्षकों के वीआरएस लेने की बात भी सामने आई है। एसटीएफ के अधिकारियों को संदेह है कि इनमें कई फर्जी शिक्षक शामिल हैं, जो कार्रवाई की भनक लगने पर भाग निकले हैं। एसटीएफ के एएसपी सत्यसेन यादव का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कई और ¨बदुओं पर सूचनाएं मांगी गई हैं। मानव संपदा पोर्टल के जरिये भी फर्जी शिक्षकों की जांच की जा रही है।

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