राजधानी समेत प्रदेश भर में सभी सरकारी विद्यालयों में 15 जनवरी तक स्वेटर वितरण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी, इसके बाद 31 जनवरी तक स्वेटर की क्वालिटी चेक होगी। इसके साथ ही जहां-जहां छोटे स्वेटर पहुंच | गये हैं वहां के खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है।
ताकि बच्चों को माप के अनुसार स्वेटर मुहैया कराया जा सके। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि स्वेटर वितरण | की प्रक्रिया में देरी की मुख्य वजह यह रही । कि कोरोना काल में स्कूल में बच्चों को बुलाया नहीं जा सका, ऐसे में सीमित संख्या में बच्चों को प्रतिदिन बुलाकर स्वेटर दिए । जाने थे हालांकि इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि अब स्वेटर वितरण प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाये, हालांकि नवंबर में ही स्वेटर वितरण की प्रक्रिया की जानी थी।
हेडमॉस्टरों का आरोप, नहीं मिला साधन
वहीं बीआरसी स्तर पर मौजूद स्वेटर स्कूलों में पहुंचाने के लिए हेडमॉस्टरों को कोई संशाधन नहीं मुहैया कराया गया है। इस संबंध में हेडमास्टरों का आरोप है कि उन्हें अपने वाहन से ही स्वेटर लादकर स्कूल लाना पड़ रहा है, स्वेटर छोटे भी पड़ जाते हैं तो उन्हें बदलने के लिए फिर बीआरसी जाना पड़ता है। इसके चलते भी स्वेटर वितरण प्र क्रिया प्रभावित हो रही है।
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वाहनों से पहुंचाना था स्कूल
इससे पहले किताबों के वितरण के लिए शिक्षा विभाग की ओर से वाहनों को निर्धारित किया गया था, लेकिन किताबों के वितरण के बाद वाहनों को हटा लिया गया। शिक्षकों की मांग है कि स्कूल स्तर पर अगर समय से स्वेटर पहुंचा दिए जाते हैं तो अब सभी बच्चों के हाथो में स्वेटर पहुंच जाते और जांच प्रक्रिया भी पूरी हो गयी होती।