69000 शिक्षक भर्ती: महानिदेशक ने दिव्यांगों के लिए गठित की कमेटी, जल्द होगा आरक्षण पर फैसला

 उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में अपनी मांगों को लेकर इस समय दिव्यांग अभ्यर्थी अनवरत धरने पर है। उनकी तरफ से प्रयागराज में 14 दिसंबर से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को जगाने के लिए उनकी तरफ से कैंडल जलाकर जगाने की कोशिश की है। इसके अलावा इन अभ्यर्थियों की तरफ से काली पट्टी भी बांधकर विरोध जताया गया है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से आदेश नहीं दिया गया है।

ऐसे में आज फिर से दिव्यांग अभ्यर्थियों ने लखनऊ और प्रयागराज में धरना-प्रदर्शन किया। लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार की तरफ से जल्द ही हम लोगों के लिए लेटर जारी किया जाए, लेकिन अभी तक उसे जारी नहीं किया गया है। वहीं, प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की तरफ से जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक हम लोग अनवरत ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे। दिव्यांगों का कहना है कि  सरकार अगर हमारी मांग को पूरा नहीं करती है तो हम फिर हम लोग भूख हड़ताल करेंगे और अगर तब भी नहीं पूरी होती है तो हम लोगों को आत्मदाह ही करना पड़ेगा।  वहीं, आज लखनऊ में धरने पर बैठे दिव्यांग अभ्यर्थियों ने महानिदेशक विजय किरण आनंद से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि इस भर्ती के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी दिव्यांग अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।

दिव्यांगों की मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हम लोगों को चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अधिसूचना 2018 में जारी की गई है, लेकिन इस भर्ती में हम लोगों को सिर्फ तीन फीसदी आरक्षण दिया गया है। उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में चयनित न करके उन्हें दिव्यांग श्रेणी में ही शामिल किया है। यही नहीं, दिव्यांगों ने दृष्टिबाधित एवं श्रवणह्वास दिव्यांगजनों की बची हुई सीटों को भी शामिल किए जाने की मांग की। दिव्यांगों ने कहा कि चलन क्रिया से बाधित अभ्यर्थियों को ये सीटें दी जाएं। इसके अलावा उन्होंने डिप्टी सीएम से आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 का एक्ट लागू कराए जाने की मांग की है। दिव्यांगों का कहना है कि सरकार नियमों का पालन करते हुए यह भर्ती करती तो फिर हम लोगों को यहां पर धरना-प्रदर्शन के लिए नहीं बैठना पड़ता। अब अपनी मांग को लेकर दिव्यांग अभ्यर्थियों की तरफ से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है।