एटा : लंबे समय से अंतरजनपदीय तबादलों की आस लगाए बैठे शिक्षकों को नया साल खास होने की उम्मीद थी, लेकिन इस मामले में सैकड़ों की उम्मीद धरी रह गई। जिन्हें सूची में स्थान मिल गया वह खुश वही सैकड़ों को तबादला न होने का आघात भी लगा है। शिक्षिकाओं के सापेक्ष शिक्षकों की उम्मीद कम पूरी हुई है।
डेढ़ वर्ष पहले से ही अंतरजनपदीय तबादलों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा कवायद शुरू कराई गई थी। तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह से आनलाइन रहने के चलते कई बार झटके लगते रहे। मामला न्यायालय तक पहुंचा। कई बार काउंसिलिग और सूची का इंतजार बना रहा। पिछले दो महीनों से शासन सक्रिय हुआ तो जिले में भी लगभग 900 शिक्षक शिक्षिकाएं तबादले की कतार में थे। इसके बाद लगभग 300 से ज्यादा शिक्षकों की उम्मीद तब टूट गई जब पुरुषों के लिए पांच तथा महिलाओं के लिए तीन साल की जिले में सेवा प्रभावी की गई, हालांकि नई साल पर सरकार ने लगभग 22 हजार शिक्षकों की तबादला सूची जारी कर तोहफा तो दिया लेकर उच्च मेरिट वाले ही खुश हो सके। आवेदन के अनुरूप एक चौथाई भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को लाभ नहीं मिल सका। स्थानांतरण सूची में जिसे तबादला मिला उसे नई साल की सौगात मिल गई लेकिन तबादला न होने से सैकड़ों को नई साल का आनंद भी व्यर्थ करना पड़ा है। उधर, तबादला मिलने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं दूसरे जिलों की तैयारी में जुट गए हैं और शेष रहे अन्य आवेदक अब दूसरी सूची या फिर अगली प्रक्रिया का इंतजार करने को विवश हैं।