मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समस्त सरकारी भवनों की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि निरीक्षण के दौरान यदि विद्यालय अथवा अस्पताल आदि का संचालन जर्जर भवन में मिले, तो तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था कर इनका संचालन अलग शुरू किया जाए। ऐसे जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शासन के दिशानिर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने ये निर्देश गाजियाबाद में शमशान घाट के गलियारे की छत गिरने से 24 लोगों की मौत के बाद प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री मंगलवार को लोकभवन में एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि सरकारी तथा निजी क्षेत्र में संचालित सभी बेसिक व माध्यमिक स्तर के विद्यालयों, डिग्री कॉलेजों व समस्त सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण किया जाए। सरकारी कॉलोनियों के भवनों का निरीक्षण कर यह देखा जाए कि वे दुरुस्त अवस्था में हैं या नहीं।
घटिया निर्माण केलिए कमिश्नर व डीएम भी होंगे जिम्मेदार
गाजियाबाद के मुरादनगर की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि घटिया निर्माण के लिए कमिश्नर और डीएम भी जिम्मेदार होंगे। किसी भी घटना में छोटे अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को स्पष्ट किया है कि अब निर्माण कार्य घटिया निर्माण के लिए संबंधित जिले के डीएम के साथ ही कमिश्नर को भी जिम्मेदार माना जाएगा। ठेकेदार व इंजिनियरों के साथ ही डीएम व कमिश्नर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टास्क फोर्स करे हर निर्माण की औचक जांच
मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यो की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स की भूमिका पर भी असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स को हर निर्माण कार्यों की औचक जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि बड़ी परियोजनाओं केनिर्माण की कम से कम तीन बाच औचक जांच की जाए। उन्होंने अधिकारियों को भी जांच की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने को कहा है।