लखनऊ : कोरोना महामारी के कारण बंद हुए परिषदीय स्कूलों के खुलने पर उनमें चलाये जाने वाले 100 दिवसीय प्रेरणा उत्सव अभियान के तहत गांवों-मोहल्लों में शिक्षा चौपाल भी आयोजित की जाएगी।
इसका उद्देश्य नवगठित विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, अभिभावकों और समुदाय को बच्चों के लर्निंग आउटकम को सुधारने के लिए संचालित किए जा रहे मिशन प्रेरणा और उसके लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों के बारे में जानकारी देना है। स्कूलों के खुलने से पहले खंड शिक्षा अधिकारी सभी प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें स्कूलों की ओर से गांवों/मोहल्लों में आयोजित की जाने वाली शिक्षा चौपाल की कार्ययोजना बनायी जाएगी। शिक्षा चौपाल में अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूरा कराने और लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें दीक्षा एप डाउनलोड करने और पाठ्यपुस्तकों में दिए गए क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा जाएगा। बच्चों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए स्कूलों में चस्पा की गई प्रेरणा तालिका और प्रेरणा सूची के बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी। स्कूलों में उपलब्ध कराए गए गणित किट और ¨पट्ररिच शिक्षण सामग्री भी प्रदर्शित की जाएगी। शिक्षा चौपाल के आयोजन में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन, स्टेट रिसोर्स ग्रुप और शिक्षक संकुल की विशेष भूमिका होगी। कोरोना से पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने अगले सत्र में स्कूल खुलने पर उनमें 100 दिवसीय प्रेरणा उत्सव अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार की है। इसमें बच्चों की उपचारात्मक शिक्षा (रेमेडियल टीचिंग) पर फोकस होगा।