तदर्थ शिक्षकों का भविष्य तय न होने से ढाई महीने से रुका 15508 माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन अब जल्द जारी होने की उम्मीद है। तदर्थ शिक्षकों को लेकर शासन में सोमवार को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में शिक्षकों को राहत देने पर विचार होगा। रास्ता निकला तो विज्ञापन में फिर संशोधन होगा, नहीं तो बैठक के चंद दिन बाद ही विज्ञापन जारी हो जाएगा।
चयन बोर्ड की ओर से एडेड माध्यमिक कालेजों की प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती 2020 में तदर्थ शिक्षकों की अहमियत का अंदाजा सिर्फ दो ¨बदुओं से लगाया जा सकता है। पहला, चयन बोर्ड ने पिछले साल 29 अक्टूबर को 15508 पदों का विज्ञापन जारी किया, उसमें तदर्थ शिक्षकों की ओर से हल होने वाले प्रश्नों का मूल्यांकन आम प्रतियोगी से कम रखा गया था। यह निर्देश तदर्थ शिक्षकों को भारी पड़ता, उसके पहले ही 18 नवंबर को विज्ञापन ही निरस्त कर दिया गया। इसी तरह चयन बोर्ड की 27 नवंबर 2020 की वचरुअल बैठक में जिन तीन ¨बदुओं पर चर्चा हुई, उनमें पहला यह था कि तदर्थ शिक्षकों को भर्ती में शामिल करने से पहले शासन उन्हें विशेष छूट देना चाहता है। चयन बोर्ड ने तदर्थ शिक्षकों के प्रति प्रश्न मूल्यांकन में सुधार करके विज्ञापन भी तैयार कर लिया है, लेकिन शिक्षकों को मिलने वाली विशेष छूट अभी अधर में है। निदेशालय व चयन बोर्ड के अफसरों का नाम न छापने की शर्त पर कहना है कि शासन आठ फरवरी को इस संबंध में बैठक कर रहा है। इसमें तदर्थ शिक्षकों की लंबी सेवा को देखते हुए बिना लिखित परीक्षा में शामिल किए उन्हें विनियमित करने पर विचार होगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश में कई बार तदर्थ शिक्षक बड़ी संख्या में विनियमित हो चुके हैं। अफसरों का मानना है कि भले ही इन शिक्षकों का मूल्यांकन आम प्रतियोगी के समान हो रहा है, लेकिन वे परीक्षा उत्तीर्ण करके शिक्षक बन सकेंगे, इसमें संदेह है। इसीलिए रास्ता खोजा जा रहा है। इसमें शीर्ष कोर्ट का आदेश बाधा है। इसलिए विधिक राय पर ही सब निर्भर है। उप सचिव नवल किशोर ने बताया कि चयन बोर्ड जल्द विज्ञापन देने को प्रयासरत है।
चयन बोर्ड का संशोधित विज्ञापन ढाई माह से रुका, शासन आठ फरवरी को करेगा बैठक, शिक्षकों को राहत देने पर होगा मंथन