राज्य की भर्तियों में अभ्यर्थियों ने मांगे अतिरिक्त अवसर

 प्रयागराज। कोराना काल के दौरान

हुई राज्य सरकार की भर्तियों में दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। प्रतियोगियों का कहना है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए अंतिम अवसर पूरा कर चुके अभ्यर्थियों को एक और मौका दिए जाने के लिए राजी । हो गई है, उसी प्रकार कोविड काल के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में शामिल उन अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर प्रदान किए जाएं, जो ओवरएज होने के कारण आगामी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकते हैं।


कोविड काल के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित ज्यादातर बड़ी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रही। कोई अभ्यर्थी खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया तो किसी अभ्यर्थी ने इस बीमारी की वजह से अपने करीबी को हमेशा के लिए खो दिया। इस आधार पर अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि आयोग की ओर से पीसीएस समेत आयोजित की जाने वाली सभी परीक्षाओं में ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर प्रदान किए जाएं। सीधी भर्ती में भी यह व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय एवं अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया है कि आयोग की ओर से आयोजित की जानी वाली परीक्षाओं में अमूमन 70 से 80 फीसदी तक उपस्थित रहती है, लेकिन कोविड काल के दौरान हुई परीक्षाओं में उपस्थिति काफी कम रही।

पिछले साल 16 अगस्त को हुई खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की प्रारंभिक परीक्षा में महज 44 फीसदी अभ्यर्थियों ने ही अपनी उपस्थित दर्ज कराई। वहीं 23 अगस्त को आयोजित कंप्यूटर सहायक ( उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-2019 में अभ्यर्थियों की उपस्थिति सिर्फ 33 फीसदी थी। इसी तरह 22 नवंबर को उद्योग विभाग उत्तर प्रदेश के तहत सहायक प्रबंधक (गैर तकनीकी) स्क्रीनिंग परीक्षा-2016 में महज 20.39 फीसदी अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।