ग्राम प्रधानों की मनमानी से खतरे में हजारों शिक्षकों की पदोन्नति

 झांसी। जिले की 200 ग्राम पंचायतों की अनदेखी और मनमानी ने हजारों शिक्षकों की पदोन्नति को खतरे में डाल दिया है। प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही वार्षिक गोपनीय आख्या की प्रक्रिया में तय किए गए 14 बिंदु पदोन्नति में बड़ी बाधा बन रहे हैं। इनमें से एक बिंदु 400 स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प का काम पूरा न होने को बड़ी वजह माना जा रहा है।

दरअसल, सरकार ने हाल ही में शिक्षकों की पदोन्नति के लिए वार्षिक गोपनीय आख्या की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इसे लेकर 15 मार्च तक शिक्षकों को मानव संपदा पोर्टल पर स्व मूल्यांकन रिपोर्ट भरने के निर्देश दिए गए हैं। इस आख्या में सरकार की ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों में अब तक कराए गए कामों के आधार पर भी अंक दिए जाएंगे। यह बिंदु शिक्षकों के लिए बड़ी मुसीबत बन रहे है। शिक्षकों का कहना है कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायत को स्कूलों में काम कराना है, लेकिन जिले की करीब 200 ग्राम पंचायतों ने स्कूलों में काम ही नहीं कराए हैं। जिले के 400 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें ऑपरेशन कायाकल्प की पहुंच नहीं हो सकी है। वहीं पदोन्नति आख्या में दीक्षा पोर्टल की भी व्यवस्था है। बच्चों को दी जाने वाली किताब के हर पाठ में दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके शिक्षक को बच्चों को दीक्षा पोर्टल के जरिए पढ़ाना है। पदोन्नति में इसके अंक भी शामिल किए जाएंगे, लेकिन जिले में कई वरिष्ठ शिक्षक ऐसे हैं,जो स्मार्टफोन नहीं चला पाते हैं।

कहते हैं शिक्षक
वार्षिक पदोन्नति आख्या काले कानून के समान है। ग्राम पंचायतों को स्कूल में काम कराना है, लेकिन पदोन्नति में शिक्षकों इसके लिए अंक मिलेंगे। कई स्कूलों में प्रधान काम ही नहीं करा रहे हैं। - जितेंद्र दीक्षित
पदोन्नति में शामिल किए गए बिंदु शिक्षकों की पदोन्नति का निर्धारण नहीं कर सकते हैं। कई वरिष्ठ शिक्षक स्मार्टफोन नहीं चला पाते। उनकी पदोन्नति अब तक वरिष्ठता क्रम के आधार पर होती थी। - धर्मेंद्र चौधरी
वार्षिक गोपनीय आख्या प्रक्रिया विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी। इस आदेश को सरकार को वापस लेना चाहिए। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से भी मुक्त किया जाए। - महेश साहू