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प्रमाण पत्र पर कूट रचना करके बन गया शिक्षक , बैंक लोन लेने गया तो सच आया सामने

देवरिया के शिक्षक के प्रमाणपत्रों पर कूट रचना से सात साल पहले देवरिया के ही एक शख्स ने शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। उसे वेतन भी मिलने लगा। हाल ही वह बैंक में लोन लेने गया तो सच सामने आया।
इसके बाद पीड़ित शिक्षक ने बीएसए और डीएम से मिलकर इसकी शिकायत कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
आरोपी वर्तमान में संतकबीरनगर जिले में तैनात है। देवरिया जनपद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मस्टोडरगिरी देवरिया सदर में तैनात सहायक अध्यापक नरेंद्र कुुशवाहा ने बताया कि उसके प्रमाण पत्रों पर कूट रचना से शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। वर्तमान में वह संतकबीरनगर जिले के हैंसर ब्लॉक के एक विद्यालय पर हेडमास्टर के रूप में कार्यरत है। आरोपी कुछ समय पहले बैंक में लोन लेने गया और उसने अपना पैन कार्ड दिया।

प्रमाण पत्रों की जांच के बाद बैंक ने लोन देने से इंकार कर दिया। पीड़ित नरेंद्र ने बताया कि उसे घटना की जानकारी हैंसर ब्लॉक के एक शिक्षक ने दी। जिसके बाद वह बैंक पहुंचा तो पूरा प्रकरण सामने आया। उसके नाम से नौकरी करने वाले व्यक्ति ने उसके सभी प्रमाण पत्रों को फर्जी तरीके से बनवा लिया है। इसके साथ ही फर्जी निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र भी बनवाया है। उसके बताए गए पते पर जानकारी की तो वहां भी उसका पता फर्जी मिला।

आरोपी 2009 से नौकरी कर रहा है। प्रभारी बीएसए शिव कुमार ओझा ने बताया कि देवरिया के एक शिक्षक नरेंद्र कुशवाहा ने अपने प्रमाणपत्रों पर कूट रचना से एक शख्स द्वारा शिक्षक की नौकरी हासिल करने की शिकायत की है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हैंसर के जिस शिक्षक पर आरोप लगा उसके समस्त प्रमाण पत्रों को मंगाया गया है। जांच के बाद अगर फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने वाले के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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