यूपी के फतेहपुर जिले में कार्यरत करीब सवा सौ शिक्षकों
की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक गई है। आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड कर शिक्षक
बनने वालों की छंटनी शुरू हो गई है। शासन से आई ऐसे शिक्षकों की सूची से
जिले में कार्यरत शिक्षकों से मिलान किया जा रहा है।
आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड की फर्जी डिग्री लेकर पूरे प्रदेश में करीब सात हजार शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे थे। कोर्ट ने ऐसे सभी शिक्षकों की सेवा खत्म कर विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को फर्जी डिग्रीधारक इन शिक्षकों की सूची की सीडी बीएसए कार्यालय को प्राप्त हुई है।
सूत्रों की मानें तो पूर्व में इस यूनिवर्सिटी के डिग्री धारक करीब सवा सौ शिक्षक चिह्नित हुए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब बीएसए कार्यालय में ऐसे शिक्षकों की खोज तेजी से शुरू हो गई है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शासन से सोमवार को सूची प्राप्त हुई है।
पटल प्रभारी को जिले में कार्यरत ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने के लिए सूची दे दी गई है। करीब चार हजार शिक्षकों में आगरा यूनिवर्सिटी के डिग्रीधारक शिक्षक को चिह्नित करने में कुछ समय जरूर लगेगा, लेकिन जल्द ही फर्जी अभिलेखों से नौकरी करने वाले शिक्षक बर्खास्त होने के साथ ही जेल जाएंगे।
आधार लिंक करना अनिवार्य
फतेहपुर। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का आधार लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी शिक्षक मानव संपदा के आंकड़ों की लोडिंग के साथ अनिवार्य रूप से आधार कार्ड अपलोड करें। ऐसा न करने वाले शिक्षकों का वेतन भुगतान रोक दिया जाएगा।
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